पूर्व काल में सभी साधना करते थे, इसलिए दूसरों से कैसे बात करें , यह उन्हें सिखाना नहीं पडता था । बचपन से ही यह आत्मसात रहता था ; परंतु अब प्रत्येक को यह सिखना पडता है ! – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले
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