‘फेसबुक’ को जिहादी आतंकवादी संगठन नहीं, अपितु ‘सनातन संस्था’ लगती है खतरनाक !

फरार आतंकवादी जाकिर नाइक, विविध आतंकवादी कार्रवाईयों में लिप्त ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ का सूची में समावेश नहीं !

  • ‘खतरनाक’ किसे कहेंगे ?, क्या फेसबुक को इसका मूलभूत मापदंड भी ज्ञात नहीं ? इतनी तो फेसबुक अबोध नहीं, अपितु हिन्दुओं की धार्मिक संस्थाओं की जानबूझकर अपकीर्ति (बदनामी) करना और उनका धर्मकार्य रोकने के लिए ही फेसबुक ने ऐसा किया है, यह ध्यान में रखें ! – संपादक
  • फेसबुक ने सनातन संस्था को आतंकवादी संगठन, माओवादी संगठन आदि की पंक्ति में खडा कर, अपना बौद्धिक दिवालियापन ही उजागर किया है ! – संपादक

     न्यूयॉर्क – ‘फेसबुक’ ने पूरे जगत के ४ सहस्र खतरनाक व्यक्ति और संगठनों की गोपनीय सूची बनाई है । उसमें ‘सनातन संस्था’का समावेश है । यह सूची अमेरिका के ‘दी इंटरसेप्ट’ नामक वृत्त संगठन ने उजागर की है । इसमें भारत में सनातन संस्था सहित १० संगठनों के नाम हैं । इस सूची में फरार आतंकवादी जाकिर नाइक और विविध आतंकवादी कार्रवाईयों में लिप्त ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ का समावेश नहीं है । इस सूची में अधिकतर व्यक्ति और संगठन पश्चिम और दक्षिण एशिया तथा इस्लामी देशों के हैं । सशस्त्र सामाजिक संगठन एवं आतंकवादियों के नामों का भी इसमें समावेश है । गत वर्ष फेसबुक ने ६०० सशस्त्र सामाजिक संगठनों की सूची तैयार की थी । उनसे संबंधित लगभग २ सहस्र ४०० फेसबुक के पृष्ठ एवं उनके द्वारा चलाए जा रहे १४ सहस्र २०० गुट हटा दिए ।

यह सूची सर्वसमावेशक नहीं ! – फेसबुक

     ‘दी इंटरसेप्ट’ द्वारा सूची उजागर करने के उपरांत उसकी सत्यता के विषय में फेसबुक द्वारा कोई भी सीधी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई । ‘आतंकवाद विरोध एवं खतरनाक संस्था’ इन विषयों की नीति निर्धारित करनेवाले फेसबुक के विभाग के संचालक ब्रायन फिशमन ने ट्वीट किया, ‘यह सूची सर्वसमावेशक नहीं है । फेसबुक ऐसी सूची सतत अद्यतन (अपडेट) करती है । यह सूची ‘लीक’ हो गई है । इस विषय में मैं विशेषतः हम पर कानूनन बंधनों के विषय में कुछ सूत्र प्रस्तुत करने का इच्छुक हूं । मुझे त्रुटियां बतानी हैं । हम ऐसी सूची घोषित नहीं करते । इसका उद्देश्य यही है कि खतरनाक संस्थाओं को नियमोें का उल्लंघन करने का कोई भी अवसर न मिले । वे कानून के दायरे में रहें । हमारी व्यासपीठ से काली सूची (ब्लैक लिस्ट) के व्यक्ति एवं संस्थाओं की प्रशंसा, उनका प्रतिनिधित्व और उनका समर्थन न हो; इसलिए वैसे विषयों पर बंदी लगाई जाती है । उनसे संबंधित कुछ पोस्ट प्रसारित होने पर विषय हटा दिया जाता है ।

फेसबुक की सूची में भारत की अन्य संस्थाओं के नाम

१. भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष (माओवादी)

२. नागालैंड राष्ट्रीय समाजवादी परिषद (इसाक-मुईवाह)

३. अखिल त्रिपुरा टायगर फोर्स

४. कांग्लैपैक कम्युनिस्ट पक्ष

५. खलिस्तान टायगर फोर्स

६. पीपल्स रिवल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांग्लैपॅक

७. इंडियन मुजाहिदीन

८. जैश-ए-मुहम्मद से संलग्न ‘अफजल गुरु स्कवॉड’

९. इस्लामिक स्टेट एवं तालिबान को समर्थन देनेवाले विविध स्थानीय गुट व उपगुट (भारत सहित अन्य देशों में भी सक्रिय)

     (ये नाम पढने के उपरांत उनकी पंक्ति में सनातन संस्था को खडा करने का प्रयत्न जानबूझकर किया गया है, यह उजागर होता है । उपरोक्त अनेक संगठन भारत में प्रतिबंधित संगठन हैं । इससे स्पष्ट होता है कि किसी भी कानून विरोधी कृत्य में सम्मिलित न होनेवाली संस्था को अपकीर्त (बदनाम) करने के लिए फेसबुक प्रयत्नरत है ! – संपादक)