सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने की सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त महाधिवक्ता एन्. व्यंकटरमण से सदिच्छा भेंट !

देहली में हिन्दू जनजागृति समिति के ‘हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान’ का प्रारंभ

सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त महाधिवक्ता एन्. व्यंकटरमण (बाईं ओर) को ग्रंथ भेंट देते हुए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

धर्मसंस्थापना के लिए कार्य करनेवालों को कष्ट सहन करना पडता है ! – एन्. व्यंकटरमण, अतिरिक्त महाधिवक्ता, सर्वाेच्च न्यायालय, देहली

     देहली – हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने समिति के ‘हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान’ का प्रारंभ करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त महाधिवक्ता एन्. व्यंकटरमण से सदिच्छा भेंट की । इस समय उनमें अध्यात्म और धर्म, साथ ही सनातन संस्था के धर्मकार्य के विषय में विस्तृत चर्चा हुई ।

     परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा भीषण आपातकाल के विषय में २२ वर्ष पहले कहे गए कथन के विषय में महाधिवक्ता व्यंकटरमण को जानकारी दी गई । तब उन्होंने कहा, ‘‘आपका कार्य बहुत अच्छा है । कालानुसार इस कार्य की आवश्यकता है । संत पहले से ही सब बताकर रखते हैं । जो धर्म व धर्मसंस्थापना के लिए कार्य करते हैं, उन्हें कष्ट सहने ही पडते हैं । प्रभु श्रीराम को भी वनवास हुआ, पांडवों को भी दु:ख भोगने पडे, तब भी उन्होंने धर्मसंस्थापना का कार्य पूर्ण किया ।’’

     इस अवसर पर समिति के राजस्थान व मध्य प्रदेश राज्य समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया, समिति के पश्चिम उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड समन्वयक श्री. श्रीराम लुकतुके और सनातन संस्था की देहली राज्य प्रवक्ता कु. कृतिका खत्री उपस्थित थीं । सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के करकमलों द्वारा महाधिवक्ता एन्. व्यंकटरमण को सनातन का ‘स्पिरिच्युएलिटी इज सुपीरियर टू मॉडर्न साइन्स’ (आधुनिक विज्ञान से श्रेष्ठ अध्यात्म !) नामक अंग्रेजी ग्रंथ भेट दिया गया ।

क्षणिका : धर्मप्रसार में युवा साधकों का पूर्णकालीन सहभाग देखकर महाधिवक्ता व्यंकटरमण को अत्यधिक आनंद हुआ ।