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लक्ष्मणपुरी – विगत ३ दशकों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से दूर कांग्रेस अब मुसलमान वोट बैंक के आधार पर सत्ता प्राप्त करने का प्रयास कर रही है । इसके लिए कांग्रेस ने १६ सूत्रीय संकल्पपत्र (घोषणापत्र) घोषित किया है, जिसमें ‘राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण’ कानून का विरोध करने हेतु धर्मांधों द्वारा कराए गए दंगों से संबंधित सभी अभियोगों को वापस लेना अंतर्भूत है । इसके साथ ही गोहत्या के आरोपियों के विरुद्ध प्रविष्ट अभियोगों को वापस लेना, साथ ही मदरसों का नवीनीकरण करना, मदरसों के शिक्षकों को वेतन देना, पुलिस विभाग में मुसलमानों की भर्ती करना आदि आश्वासन दिए गए हैं ।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक मुसलमान छात्र को छात्रवृत्ति, विगत ३० वर्षों में वक्फ बोर्ड की संपत्ति में हुए घोटालों की जांच कर दोषियों को दंडित करना, प्रत्येक मंडल में युनानी चिकित्सकीय महाविद्यालय खोलना आदि सूत्र अंतर्भूत किए गए हैं । ‘‘युनानी’ नाम की चिकित्सकीय उपचार पद्धती मूलतः अरबी-इराणी है, जिसका प्रमुखता से मुसलमान देशों में उपयोग किया जाता है ।
१. वर्ष २०२२ में होनेवाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा के चुनाव को सामने रखकर कांग्रेस ने मुसलमानों का बडी मात्रा में तुष्टीकरण करने का प्रयास आरंभ किया है । उसके लिए उसने संकल्पपत्र की घोषणा की है । इस संकल्पपत्र को प्रत्येक मुसलमान के घर-घरतक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है ।
२. उत्तर प्रदेश में २० प्रतिशथ मतदाता मुसलमान हैं । राज्य के १४३ चुनावक्षेत्रों में उनका प्रभाव दिखाई पडता है । ३६ चुनावक्षेत्रों में मुसलमानों का दबदबा है, इसे ध्यान में लेकर कांग्रेस ने इमरान म मसूद को भारतीय कांग्रेस समिति का राष्ट्रीय सचिव बनाया है ।
३. संकल्पपत्र की प्रतियों का प्रत्येक शुक्रवार के नमाजपठन के उपरांत वितरण किया जानेवाला है । इसका दायित्व अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं को दिया जानेवाला है ।
४. कांग्रेस ने अब मौलानाओं (इस्लामी अध्येताआ) और उलेमाओं (इस्लामी धर्मज्ञानी) के साथ बैठकें करना आरंभ किया है । यह संकल्पपत्र उनके द्वारा की गई सूचनाओं पर आधारित है । कांग्रेस की इस तुष्टीकरण की नीति के विषय में बोलते हुए भाजपा ने कहा है कि राम मंदिर का विरोध करने से लेकर आतंकियों के लिए आंसू बहानेवाली कांग्रेस सदैव तुष्टीकरण की ही राजनीति करती आई है ।