विरोध के पश्चात, मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के मंदिरों पर हो रही कार्यवाही रोकने के आदेश !
भाजपा शासित राज्य में मंदिर गिराए जाना एवं इसके विरुद्ध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन आंदोलन करने के लिए बाध्य होना, इसकी अपेक्षा नहीं है !- संपादक
बेंगलुरू (कर्नाटक) – प्रशासन द्वारा राज्य के हिन्दू मंदिरों को अनधिकृत बताकर तोडा जा रहा है । विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल ने इसका विरोध किया है । मैसूरू जनपद के नंजनगुडु तालुका में, पुराने महादेव मंदिर को तोडे जाने के विरोध में विहिप एवं बजरंग दल ने राज्य के भाजपा सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया । इन संगठनों ने मांग की है, कि मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाए तथा मंदिर गिराने के लिए उत्तरदायी तहसीलदार एवं अतिरिक्त जिलाधीश के विरुद्ध कार्यवाही की जाए (ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? – संपादक) ।
विहिप के स्थानिक सचिव एम् बी पुराणिक ने कहा, कि क्योंकि, सरकार ने चूक की है, उन्हें इसे सुधारना चाहिए । राज्य के मुख्य सचिव ने मंदिर गिराने का आदेश दिया था । इसमें लिखा गया था, कि राज्य के सभी अवैध धार्मिक स्थल गिराए जाए । सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर सचिव द्वारा यह आदेश निर्गमित किया गया था । वास्तविक रूप से, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है, कि वर्ष २००९ के पूर्व बने मंदिर नहीं तोडे जाने चाहिए । इस विवाद के कारण राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हस्तक्षेप करते हुए, प्रशासन को आगामी आदेश तक संपूर्ण राज्य के मंदिरों को गिराने पर रोक लगाने का आदेश दिया है । (ऐसा केवल आदेश देकर न रुकते हुए, इसे गिराने के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही करें ! – संपादक)
#BIGNEWS: VHP & Bajrang Dal stage a protest at Mysuru Bank Circle in Bengaluru protesting against violence at KG Halli and DJ Halli on Tuesday evening. pic.twitter.com/2Hnrwq2RxZ
— News9 (@News9Tweets) August 13, 2020
मंदिरों को गिराना अनुचित है ! – भूतपूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा
मैसूरू का मंदिर गिराना अनुचित था । मंदिरों को किसी भी कारण से उतावलेपन में नहीं तोडा जाना चाहिए । यह उचित नहीं है । ‘मंदिर उतावलेपन में नहीं तोडने’ के निर्देश मुख्यमंत्री ने इसके पूर्व ही दिए हैं । ‘कोई भी मंदिर गिराए जाने के पूर्व लोगों का अभिमत लिया जाना चाहिए ।’ ; ऐसा राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा ।
प्रशासन ने उतावलेपन में मंदिर तोडा ! -भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा
भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर मंदिर गिराने के उतावलेपन से लिए गए निर्णय के लिए जिला प्रशासन को उत्तरदायी ठहराया । ‘सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, प्रशासन ने मंदिर नहीं गिराया है । अधिकारियों ने मंदिर गिराने के आदेश की अनुचित व्याख्या की है ।’ ; ऐसा आरोप सिम्हा ने लगाया ।