इंदौर की ‘अनिवार्य’ संस्था द्वारा श्री गणेश मूर्ति के हाथ में ‘सेनेटरी नैपकीन’ रखकर महिलाओं में जागृति करने का अश्लील प्रयास !

  • हिन्दुओं को धर्मशिक्षा न होने से हिन्दू किस स्तर पर जाकर देवताओं का अपमान कर रहे हैं, यह ध्यान में आता है !- संपादक
  • हिन्दुओं को अभी तक हिन्दुओं के संगठन, धार्मिक संगठन, धर्म गुरू आदि द्वारा धर्मशिक्षा न देने का यह परिणाम है । अन्य धर्मियों को धर्मशिक्षा मिलने से वे कभी भी स्वयं के श्रद्धास्थानों का अपमान नहीं करते इसके विपरीत कोई अपमान करने का प्रयास करता है, तो सीधे कानून हाथ में लेते हैं !- संपादक
  • महिलाओं में पीरियड के विषय में जागृति निर्माण करने के लिए हिन्दुओं के देवता ही मिले क्या, और कुछ नहीं था  ? इस प्रकार का काम केवल लोकप्रियता पाने के लिए किया गया, ऐसा दिखाई देता है ! मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को इस मामले में स्वयं  गुनाह प्रविष्ट कर ऐसे लोगों को कठोर सजा होने के लिए प्रयास करना चाहिए !- संपादक

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

इंदौर (मध्यप्रदेश) – जिले के महू शहर में गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में ‘अनिवार्य’ नाम की प्राइवेट संस्था की ओर से श्री गणेश मूर्ति बिठाई गई है । इस मूर्ति के हाथ में महिलाओं के मासिक पीरियड के समय प्रयोग किए जाने वाले ‘सेनेटरी नैपकीन’ होने से हिन्दुओं की ओर से रोष प्रकट किया जा रहा है । ‘मासिक पीरियड के विषय में जागृति करने के लिए ऐसा किया गया है’, ऐसा बताते हुए संस्था की ओर से इस हिन्दू विरोधी काम का अश्लील समर्थन किया है । (मासिक पीरियड के विषय में जागृति करने के विविध माध्यम हैं । उसका प्रयोग न करते हुए हिन्दुओं के देवताओं का प्रयोग करना और उसका अश्लील समर्थन करना, यह धर्मद्रोह ही है ! – संपादक) ‘श्री गणेश को एक उत्तरदायी पति के रुप में दिखाने का प्रयास किया गया है’, ऐसा भी इस संस्था का कहना है । (श्री गणेश उत्तरदायी पति हैं, यह दिखाने के लिए उनके हाथ में ‘सेनेटरी नैपकीन’ देने की क्या आवश्यकता ? इस संस्था ने गणेशोत्सव के समय में गणेश पुराण आदि ग्रंथ पढ़ने का नियोजन किया होता, तो श्री गणेश के विविध गुण समाज को पता चलते । स्त्रीमुक्ति और आधुनिकता की हवा दिमाग में घुसने के कारण ही ‘अनिवार्य’ संस्था ऐसे बिना पेंदी वाले वक्तव्य कर रही है ! -संपादक) इस श्री गणेश मूर्ति के बगल में रिद्धिऔर सिद्धि इन देवियों को दिखाया गया है । इस विषय में हिन्दुओं की ओर से विरोध किया जा रहा है । सोशल मीडिया के माध्यम से हिन्दुओं की ओर से विरोध किया जा रहा है ।

इस संस्था के संस्थापक और लेखक अंकित बागडी ने बताया, ‘बाहुबली’ यह चित्रपट सफल होने के कारण श्री गणेश को ‘बाहुबली’ के रुप में दिखाया गया था । उस समय श्री गणेशचतुर्थी का प्रयोग मासिक पीरियड के विषय में जागरुकता निर्माण करने के लिए कर सकते हैं, ऐसा विचार आया । हम स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो स्त्री की स्वतंत्रता के लिए कुछ तो करना चाहिए, ऐसा विचार किया । (स्त्री स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दूद्रोह करने वाले ऐसे हिन्दू हिन्दू धर्म के सच्चे बैरी ! – संपादक )