दूरदर्शन (टीवी) पर प्रसारित धार्मिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में श्रीकृष्ण की भूमिका करनेवाले एक सुप्रसिद्ध अभिनेता से ‘एसएसआरएफ’ के साधकों का हुआ भावपूर्ण संवाद !

दूरदर्शन (टीवी) पर प्रसारित धार्मिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में श्रीकृष्ण की भूमिका करनेवाले एक सुप्रसिद्ध अभिनेता, धारावाहिक के निर्देशक और संहिता लेखिका से ‘एसएसआरएफ’ के साधकों का हुआ भावपूर्ण संवाद !

     मार्च २०२१ में ‘एसएसआरएफ’ के साधक श्री. शॉन क्लार्क (आध्यात्मिक स्तर ६४ प्रतिशत) और उनकी पत्नी श्रीमती श्वेता क्लार्क ने दूरदर्शन (टीवी) पर प्रसारित धार्मिक धारावाहिक ‘महाभारत’ के अभिनेता, निर्देशक और संहिता लेखिका से मुंबई में संपर्क किया । इस संपर्क में उनसे संभाषण करते हुए श्री. शॉन और श्रीमती श्वेता क्लार्क को उनकी साधना के प्रति रुचि अनुभव हुई । उन्हें साधना के विषय में जानकारी बताने पर उन्होंने साधना के प्रयास करने का मानस प्रकट किया । इस भावपूर्ण संवाद का वृत्तांत इस लेख में प्रस्तुत है ।

१. परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा से अभिनेता, निर्देशक और संहिता लेखिका से संपर्क करने का अवसर प्राप्त होना

१ अ. दूरदर्शन पर ‘महाभारत’ धारावाहिक देखते हुए श्रीकृष्ण की भूमिका निभानेवाले अभिनेता सात्त्विक अनुभव होना और प्रयास करके भी उनसे संपर्क न हो पाना : ‘मार्च २०२१ में परात्पर गुरुदेवजी की कृपा से हमें धार्मिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में श्रीकृष्ण की भूमिका निभानेवाले एक अभिनेता से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ । यह अवसर हमारे लिए एक अनुभूति ही है । कुछ दिनों पूर्व ‘महाभारत’ धारावाहिक देखते हुए श्रीकृष्ण की भूमिका करनेवाले अभिनेता को देखकर लगा कि ‘वे सात्त्विक हैं और उन्हें ईश्वरप्राप्ति की आंतरिक लगन है ।’ हमारे पास उनका संपर्क क्रमांक उपलब्ध न होने से ‘फेसबुक’ के माध्यम से हमने उस अभिनेता को संदेश भेजा । उन्हें पूर्ण विश्व से अनेक संदेश प्राप्त होने से उन्होंने हमारे संदेश की अनदेखी की । अगले ३ मास श्रीकृष्ण निरंतर हमें साधना करने की क्षमतावाले इस अभिनेता से संपर्क करने का विचार दे रहे थे ।’ – श्री. शॉन क्लार्क और श्रीमती श्वेता क्लार्क, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा.

श्री. शॉन क्लार्क

१ आ. परात्पर गुरुदेवजी की कृपा से साधिका की संहिता लेखिका सहेली द्वारा निर्देशक तथा अभिनेता का संपर्क क्रमांक प्राप्त होना और उस कारण साधकों का परात्पर गुरुदेवजी के प्रति कृतज्ञभाव जागृत होना : ‘उन्हें संपर्क करने के अनेक प्रयास विफल होने पर हमने श्रीकृष्ण से मार्ग दिखाने के लिए प्रार्थना की । श्रीकृष्ण ने मुझे ‘धारावाहिक के निर्देशक कौन हैं ? ‘फेसबुक’ के मित्रों से उनके संदर्भ में जानकारी मिल सकती है क्या?’, यह जांचने का विचार दिया । मेरे ‘फेसबुक’ खाते से जुडी मेरी महाविद्यालय की एक सहेली ने मुझे धारावाहिक के निर्देशक तथा अभिनेता का संपर्क क्रमांक दिया । मैं विगत २० वर्षाें से अपनी इस सहेली से संपर्क में नहीं थी । ‘वह मनोरंजन क्षेत्र में कार्यरत है तथा इन लोगों से परिचित है अथवा इस धारिका की संहिता लेखिका है’, यह भी मुझे ज्ञात नहीं था । तब ‘परात्पर गुरु डॉक्टरजी साथ में हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं, इसका मुझे तीव्रता से अनुभव हुआ । – श्रीमती श्वेता क्लार्क

१ इ. अभिनेता और निर्देशक को अध्यात्म में रुचि है तथा अभिनेता श्रीकृष्ण के असीम भक्त हैं’, ऐसा अनुभव होना : मार्च २०२१ में हमने अभिनेता और निर्देशक से चल-दूरभाष द्वारा संपर्क करने पर उन दोनों ने हमसे मिलने का मंतव्य दिखाया । चल-दूरभाष द्वारा हुए इस प्रथम संपर्क में निर्देशक ने हमसे १ घंटा बहुत ही अपनेपन से वार्तालाप किया । उनकी बातों से हमें समझ में आया कि उन्हें अध्यात्म में रुचि है । अभिनेता से हुई चर्चा में अनुभव हुआ कि वे श्रीकृष्ण के असीम भक्त हैं । – श्रीमती श्वेता क्लार्क

२. दूरदर्शन पर प्रसारित धार्मिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में श्रीकृष्ण की भूमिका निभानेवाले सुप्रसिद्ध अभिनेता !

२ अ. अभिनेता का श्रीकृष्ण के प्रति भाव ! : प्रथम भेंट में ही हमें अभिनेता में नम्रता अनुभव हुई । हम उनके लिए उपहारस्वरूप सनातन-निर्मित श्रीकृष्ण का चित्र ले गए थे । इस कालावधि में कोरोना महामारी के कारण शासन द्वारा सभी ओर बंदी लगाए जाने से सभी भोजनालय (होटल) बंद थे । हम एक भोजनालय के बाहर बैठे थे । वहां भी आसपास खडे लोग ध्रूमपान कर रहे थे । यह देखकर उन्होंने ‘इस धुएं भरे वातावरण में श्रीकृष्ण का चित्र नहीं देखना चाहिए’, ऐसा कहकर हमें स्वयं के चारपहिया वाहन में बैठकर चर्चा करने का अनुरोध किया । हमने उन्हें श्रीकृष्ण का चित्र देने पर उनकी अत्यधिक भावजागृति हुई ।

२ आ. अभिनेता से हुआ वार्तालाप : हमारे बीच हुए ३ घंटे के प्रदीर्घ वार्तालाप में अनेक बार उनकी भावजागृति हुई । उनसे हुए वार्तालाप में ‘महाभारत’ धारिका में उनके द्वारा निभाई गई श्रीकृष्ण की भूमिका और उनके जीवन के विषय में विचार हमारे ध्यान में आए ।

श्रीमती श्वेता क्लार्क

२ आ १. श्रीकृष्ण से प्रार्थना करना, ‘मुझसे यह भूमिका करवा लीजिए’ अभिनेता : इस धारावाहिक का चित्रीकरण (शूटिंग) आरंभ होने पर पहले ही दिन मैं अत्यधिक तनावग्रस्त था । इसी कारण मैं अभिनय भी नहीं कर पाया । उस समय मैंने श्रीकृष्ण से प्रार्थना की, ‘हे श्रीकृष्ण, आप ही मुझसे यह भूमिका करवा लीजिए । मैं कुछ भी नहीं हूं । इस भूमिका में मेरा कुछ भी कर्तापन नहीं । आप ही कर्ता-करावनहार हैं ।’ (‘यह बताते हुए अभिनेता की अत्यधिक भावजागृति हुई थी ।’ – श्री. शॉन और श्रीमती श्वेता क्लार्क)

२ आ २. ‘विद्यालय के नाटक में श्रीविष्णु की भूमिका करने की अपूर्ण इच्छा श्रीकृष्ण ने इस धारावाहिक के माध्यम से पूर्ण की’, ऐसा अभिनेता द्वारा बताना

अभिनेता : पढाई करते समय विद्यालय के एक नाटक में मुझे श्रीविष्णु की भूमिका करनी थी; परंतु तब मुझे वह अवसर नहीं मिला । उस समय अपूर्ण रही मेरी इच्छा श्रीकृष्ण ने इस धारावाहिक के माध्यम से पूर्ण की है ।

२ आ ३. लोगों द्वारा श्रीकृष्ण की भूमिका का व्यापारीकरण करने का प्रयास करना, अभिनेता को विविध कार्यक्रम और आयोजनों में निमंत्रित करना; परंतु वहां आनंद न मिलने से उनका ऐसे कार्यक्रमों में न जाना

अभिनेता : वर्तमान मनोरंजन विश्व अत्यंत व्यावसायिक होने से मुझे उससे अपनापन अनुभव नहीं होता । लोग श्रीकृष्ण की भूमिका का भी व्यापारीकरण करने लगे हैं । अन्यों को लगता है कि ‘मैं श्रीकृष्ण की वेशभूषा कर विविध कार्यक्रमों मैं उपस्थित रहूं’; परंतु मेरी मान्यता है कि ‘श्रीकृष्ण का रूप अत्यंत पवित्र है ।’ इसलिए मैं ऐसे स्थानों पर जाना टालता हूं ।

     मैं दूरदर्शन (टीवी) पर प्रसारित विविध धारावाहिकों में अभिनय करता हूं, इसलिए मुझे विभिन्न कार्यक्रम और आयोजनों में निमंत्रित किया जाता है । मुझे वहां नृत्य करने के लिए कहा जाता है; परंतु मुझे वहां आनंद नहीं मिलता और बहुत बोरियत होती है । वहां उपस्थित अन्य लोग मुझे एकाकी कहते हैं । मुझे वहां का वातावरण बिलकुल भी नहीं भाता । संभवत: मैं उन कार्यक्रमों में जाने से बचता हूं ।

२ आ ४. अभिनेता द्वारा ‘मैं श्रीकृष्ण से ‘मुझे आगे का मार्ग दिखाइए’, ऐसी प्रार्थना कर रहा हूं’, ऐसा बताना और ‘हमारी भेट यही श्रीकृष्ण की आप पर कृपा है’, ऐसा साधकों का बताना

अभिनेता : पिछले कुछ दिनों से मैं बहुत आर्तता से श्रीकृष्ण से प्रार्थना कर रहा हूं कि ‘मुझे आगे का मार्ग दिखाइए ।’ मुझे लग रहा है कि ‘मेरे जीवन में कब गुरु आएंगे और मुझे आगामी मार्गदर्शन मिलेगा ?’

श्री. क्लार्क / श्रीमती क्लार्क : ‘हमारी भेंट होना’, यह कोई सामान्य घटना नहीं है । यह श्रीकृष्ण की आप पर कृपा ही है । ईश्वरप्राप्ति की तीव्र लगन होने पर गुरु स्वयं ही हमारे जीवन में आते हैं ।

२ आ ५. ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को मेरा प्रणाम बताइएगा’, ऐसा अभिनेता का बताना और उनके द्वारा गोवा के आश्रम में आने की इच्छा प्रकट करना

अभिनेता : जब मैं छोटा था, तब मैं अपनी मां से पूछता था, ‘मेरा जन्म क्यों हुआ ? मेरे जन्म का क्या उद्देश्य है ? (उनकी बातें सुनकर हमें लगा, ‘संभवत: वे दैवी बालक हैं’) मुझे एसएसआरएफ द्वारा किए जा रहे अध्यात्म संबंधी शोधकार्य में अत्यधिक रुचि है । परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को मेरा प्रणाम बताइएगा । मुझे आपके गोवा स्थित आश्रम में आने की इच्छा है । (क्रमशः)

– श्री. शॉन (आध्यात्मिक स्तर ६४ प्रतिशत) और श्रीमती श्वेता क्लार्क, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (२१.७.२०२१)