‘ब्राह्मणों को अपने गांव में न आने दें’, ऐसा आवाहन करने वाले छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता को हिरासत !

ऐसे जाति द्वेष के कारण ही भारत में जात-पांत अभी भी समाप्त नहीं हो सका है । जात-पांत नष्ट करने के लिए इस प्रकार की कुत्सित बुद्धि की मानसिकता को प्रथम नष्ट करना आवश्यक ! – संपादक

नंदकुमार बघेल

रायपुर (छत्तीसगढ़) – मैं भारत के सभी गांववालों से आवाहन करता हूं कि, ब्राह्मणों को अपने गांव में न आने दे । मैं अन्य समुदायों से भी इस संबंध में बात करुंगा, जिससे हम उनका बहिष्कार कर सकते हैं । ब्राह्मणों को ‘वोल्गा’ नदी के किनारे वापस भेजने की आवश्यकता है, ऐसा विधान छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल ने हाल ही में किया था । (‘वोल्गा’ नदी रशिया में होकर यूरोप की सबसे बडी़ नदी के रुप में पहचानी जाती है ।) इस मामले में गुनाह प्रविष्ट होने के बाद वहां की पुलिस ने उन्हे हिरासत में लिया है । उन्हें १४ दिन की न्यायायिक हिरासत में रखने का आदेश न्यायालय ने दिया है । बघेल ने उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम के समय यह विधान किया थे ।

मेरे पिता हैं, तो भी कानून के ऊपर नही ! – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

इस विषय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, इस देश में कानून सर्वोच्च है । कोई भी कानून के ऊपर नहीं । मेरे पिता ८६ वर्ष के हैं, तो भी उन्होंने एक विशिष्ट समुदाय के विरोध में टिप्पणी की है । उनके द्वारा सांप्रदायिक शांति भंग करने के साथ उनके वक्तव्य के कारण मुझे भी दु:ख हुआ है । मेरे और मेरे पिता के राजनीतिक विचार और विश्वास अलग अलग हैं । एक पुत्र के रुप में मैं उनका आदर करता हूं; लेकिन ऐसी गलती करने के कारण मैं उन्हे क्षमा नहीं कर सकता । इस कारण राज्य की सार्वजनिक सुव्यवस्था और शांति बिगड़ सकती है ।