अभिनंदनीय सिफारिश ! केवल यह दो ग्रंथ ही नहीं, तो ऐसे अनेक धर्मग्रंथ सेना अधिकारियों और सैनिकों को सिखाना आवश्यक है । इससे उनका मनोबल बढने के साथ नेतृत्व गुण बढाने में सहायता होगी ! – संपादक
नई दिल्ली – ‘कॉलेज ऑफ डिफेन्स मैनेजमेंट’ की ओर से किए गए एक अभ्यास के माध्यम से श्रीमद्भगवद्गीता और कौटिल्य अर्थशास्त्र समान प्राचीन ग्रंथों का सेना प्रशिक्षण में समावेश करने की सिफारिश की गई है । इस संबंध में अधिक शोध किया जा सकता है । इसके लिए ‘भारतीय संस्कृति अभ्यास मंच’ की स्थापना की जा सकती है, ऐसा इसमें कहा गया है, सिकंदराबाद (तेलंगाना) में ‘कॉलेज ऑफ डिफेन्स मैनेजमेंट’ का सैन्य प्रशिक्षण केंद्र है । यहां सेना के तीनों दलोें के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है । इन केंद्र की ओर से ‘प्राचीन भारतीय संस्कृति और युद्धकला के गुण और वर्तमान मे संरक्षण और प्रशिक्षण’ के संबंध में प्रकल्प चलाया जा रहा है । इसके द्वारा भारतीय प्राचीन ग्रंथों से शोध लेकर उन ग्रंथों के द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से नेतृत्व गुण निर्माण करने का प्रयास किया जाता है ।
Defence study recommends including Arthashastra, Gita in Army curriculum, Congress opposes saying Muslims also fought Kargil warhttps://t.co/Pr18vWRCO4
— OpIndia.com (@OpIndia_com) September 3, 2021
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कांग्रेस ने इस सिफारिश का विरोध किया है । कांग्रेस के प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा है कि, श्रीमद्भगवद्गीता और अर्थशास्त्र पढाना, ये सेना का राजनीतिकरण करने के समान है । कम से कम सेना के संदर्भ में तो राजनीति ना करें । हम मुसलमान सैनिकों की सहायता से कारगिल युद्ध जीते थे ।