धर्मांधों ने श्रीकृष्ण की मूर्ति तोडी !
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उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक
इस्लामाबाद – पाकिस्तान के सिंध के संघर जिले के खिप्रो इस भाग में धर्मांधों ने श्रीकृष्ण जयंती के दिन श्रीकृष्ण मंदिर में पूजा करने वाले हिन्दुओं पर आक्रमण कर उन्हें मारा । साथ ही वहां की भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की तोड़फोड़ की । इस घटना के बाद परिसर में तनाव का वातावरण है । परिसर में पुलिस तैनात की गई है; लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी को हिरासत में नहीं लिया गया है, ऐसी जानकारी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार के लिए कार्यरत राहत ऑस्टिन ने ट्वीट कर दी है ।
A Hindu temple is vandalized in Khipro,Sanghar,Sindh, to insult Hindu God as they were celebrating the birthday of Lord Krishna.
In Pakistan even false allegation of blasphemy against Islam leads to mob lynching or death sentence but crimes against Non-Muslim Gods goes unpunished pic.twitter.com/I8UlMU5HnL— Rahat Austin (@johnaustin47) August 30, 2021
१. सोशल मीडिया पर इस तोड़फोड़ के चित्र प्रसारित हुए हैं । इसमें हिन्दू भक्तों को मारे जाने के चित्र दिख रहे हैं ।
२. ‘द राईज’ इस वृत्त संस्था की संपादिका और पत्रकार विंगास ने एक ट्वीट किया है । इसमें उन्होंने ‘खिप्रो में श्रीकृष्ट जयंती को कुछ लोगों ने तोडफोड की, इस घटना के दोषियों को सजा मिलेगी क्या ?’, ऐसा प्रश्न पूछा है ।
३. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिन्दुओं को मारना या मंदिरों की तोड़फोड़ करना यह सामान्य बात हो गई है । इस माह की प्रारंभ में लाहौर से लगभग ५९० किलोमीटर दूरी पर रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में सैकडो़ धर्मांधों ने श्री गणपति मंदिर की तोड़फोड़ की थी ।
४. वर्ष २०२० में सिंध के थारपारकर जिले के नागारपारकर माय धर्मांधों ने श्री दुर्गादेवी की मूर्ति की तोडफोड की थी, उसी प्रकार सितंबर २०२० में इसी प्रांत के बादिन जिले में एक मंदिर की तोड़फोड़ की गई थी ।
५. पिछले वर्ष सिंध में माता रानी भटियानी मंदिर, गुरूद्वारा श्री जन्मस्थान, खैबर पख्तुनख्वा के कराक स्थित हिन्दू मंदिर सहित पाकिस्तान के अनेक मंदिरों पर आक्रमण हुए हैं ।
६. मानवाधिकार संस्था ‘मुवमेंट फार सालिडरिटी एंड पीस’ के अनुसार पाकिस्तान में प्रतिवर्ष १ सहस्र से अधिक ईसाई और हिन्दू महिला और लड़कियों का अपहरण किया जाता है । इसके बाद उनका धर्म परिवर्तन कर इस्लामी पद्धति से उनका विवाह कर दिया जाता है । पीडि़त महिला और लडकियों की आयु लगभग १२ से २५ इतनी होती है ।
पाक में गैर मुसलमानों के देवताओं का अपमान करने पर सजा नहीं होती है ! – मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिनइस विषय में भारत के मुसमाल संगठन, उनके नेता, मुसलमान प्रेमी राजनीतिक पार्टियां आदि मुह खोलेंगी क्या ?- संपादक इस घटना के विषय में मानवाधिकार कार्यकर्ता अधिवक्ता राहत ऑस्टिन ने ट्वीट कर कहा है कि, इस्लाम के विरोध में ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाने के बाद भी सामूहिक हत्या अथवा मृत्युदंड दिया जाता है; परंतु गैर मुसलमानों के देवताओं का अपमान करने पर किसी प्रकार की सजा नहीं होती है ।’ |