Exclusive : भारत को एक भी अफगान मुसलमान को ‘शरणार्थी’ के रूप में स्वीकार नहीं करना चाहिए ! – आरिफ अजाकिया, मानवाधिकार कार्यकर्ता, लंदन

अफगानिस्तान में मानवीय संकट के माध्यम से ‘स्थानांतरण जिहाद’ का षड्यंत्र होने की प्रबल संभावना  !

कराची के पूर्व मेयर और पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ अजाकिया

फोंडा (गोवा) (श्री. विक्रम डोंगरे) – भारत को एक भी अफगान मुसलमान को शरण नहीं देनी चाहिए । भारत, अफगानिस्तान के हिन्दू एवं सिख अल्पसंख्यकों को शरण दे रहा है । यही प्रशंसनीय है । तुर्कस्थान, ईरान, मलेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे मुसलमानों के हितों के लिए लडने वाले अनेक ‘ठेकेदार’ राष्ट्र हैं । उन्हें ही वास्तव में अफगान लोगों को स्वीकारना चाहिए, ऐसा स्पष्ट अभिमत पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के हितों के लिए लडने वाले लंदन स्थित आरिफ अजाकिया ने व्यक्त किया । वे दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के साथ दूरभाष (टेलीफोन) पर हुई बातचीत में बोल रहे थे ।

अजाकिया ने आगे कहा है कि, सऊदी अरब में हज यात्रा के लिए १ लाख तम्बू लगाए गए हैं । प्रत्येक तम्बू में ३० लोग रह सकते हैं । ये तम्बू वर्ष के ११ महीने रिक्त (खाली) रहते हैं । इसलिए, सऊदी अरब सहजता से अफगानिस्तान के अफगानों को आश्रय दे सकता है । ऐसा निश्चित रूप से कह सकते हैं कि, इराक-सीरिया के समान, अफगानिस्तान से हो रहे स्थानांतरण के माध्यम से ‘स्थानांतरण जिहाद’ का षड्यंत्र क्रियान्वित किए जाने की प्रबल संभावना है । कराची के पास के जमशेद शहर के महापौर रह चुके अजाकिया ने वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति के साथ-साथ धर्मांधों के कारण संसार के सामने निर्माण चुनौतियों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी । उनके द्वारा दी गई जानकारी निम्नानुसार है :

१. तालिबान ने संसार के सामने एक महाभयानक संकट खडा कर दिया है । अमेरिका पर हुआ ९/११ का आतंकवादी आक्रमण, मैड्रिड (स्पेन) में जिहादी आक्रमण, लंदन में बम विस्फोट एवं मुंबई का २६/११ का  आक्रमण, इन सब के पीछे अल-कायदा ही था । १९६६ से २००१ की कालावधि में अल-कायदा का वर्चस्व रहा ; परंतु, कहा जा रहा है कि अब वह न्यून हुआ है । ऐसा कदापि नहीं है । अब भी स्थिति वही है, जो २० वर्ष पूर्व थी ।

२. तालिबान ने अफगानिस्तान में जिस प्रकार अपनी सत्ता प्रस्थापित की है, उसके पीछे पाकिस्तान के गुप्तचर संगठन आईएसआई का हाथ है । आईएसआई ने ही अफगानिस्तान के राजनीतिक नेताओं को पैसे देकर उनसे वह जैसा चाहता था, वैसा व्यवहार करवाया । भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि, अफगानिस्तान के आधे से अधिक शस्त्रास्त्र पाकिस्तान के जिहादी आतंकियों तक पहुंच चुके हैं ।

३. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति अत्यंत भयावह है एवं उनका लगभग पूर्णतः ही नरसंहार हो चुका है ।

४. यह पूछे जाने पर कि, ‘भारत को पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए क्या करना चाहिए’ , अजाकिया ने कहा, कि भारत एक दायित्वपूर्ण व्यवहार करने वाला लोकतांत्रिक राष्ट्र है । भारत सीधे कभी नहीं कहेगा, कि ‘पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करो’। भारत द्वारा पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं ।

५. मैं अनेक वर्ष सऊदी अरब में रह चुका हूं । वहां एक भी मदरसा नहीं हैं, केवल नमाज के लिए मस्जिदें हैं । मदरसों में मुसलमान बच्चों का लालन-पालन करना, यह बहुत बडी चूक है तथा मदरसें बंद कर देना चाहिए । बच्चों को मदरसों की अपेक्षा मुख्यधारा की शिक्षा देने के लिए पाठशाला एवं महाविद्यालयों में ही जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए । आज भारत के ८५ प्रतिशत बहुसंख्यकों को मदरसों से प्रताडित किया जा रहा है । (वहीं से) ‘काफिरों को नष्ट करो !’, इस प्रकार की उत्तेजक सीख दी जा रही है ।