गुजरात की आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष गोपाल इटालिया का बौद्धिक दिवालियापन !
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कर्णावती (गुजरात) – आम आदमी पार्टी के गुजरात राज्य के अध्यक्ष गोपाल इटालिया द्वारा हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को दुखाने के कारण उन पर गुनाह प्रविष्ट किया गया है । ‘हिंदू आइ.टी. सेल’ के अनुज मिश्रा द्वारा शिकायत करने के बाद यह गुनाह प्रविष्ट किया गया है । इस सेल की ओर से इस विषय की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी गई है । इटालिया द्वारा ‘श्री सत्यनारायण कथा और भागवत कथा अवैज्ञानिक है’, ऐसा कहने का वीडियो प्रसारित हुआ है । इस पर यह गुनाह प्रविष्ट किया गया है ।
‘बेकार है सत्यनारायण व भागवत कथा, विज्ञान के खिलाफ है’: गुजरात में AAP के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ FIR#AAP #Gujarat https://t.co/nsNMdUXoO3
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 7, 2021
१. इस शिकायत में कहा है कि, इटालिया ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो द्वारा हिंदुओं के देवता, रूढि और परंपरा का अपमान किया है । इस वीडियो को जानबूझकर केवल हिंदुओं की धार्मिक भावना दुखाने के लिए ही बनाया गया है । इस कारण हिंदुओं के हितों की ओर ध्यान देकर उनके ऊपर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए ।
२. इटालिया के इस विधान से उनका विरोध भी हो रहा है । हाल ही में इटालिया सोमनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय लोगों द्वारा उनका विरोध करने पर उन्हें वापस जाना पडा था ।
इटालिया द्वारा वीडियो में किए हुए हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं दुखाने वाले विधान !
१. लोग सत्यनारायण कथा और भागवत कथा जैसी अनावश्यक बातों पर पैसे खर्च कर रहे हैं । इन सभी बातों का कुछ भी उपयोग नहीं और वे अवैज्ञानिक हैं ।
२. अभी भी लोगों को नहीं समझ में आता कि ये सब करने से उनको क्या लाभ होने वाला है ? ये सब कर वे दूसरों का समय व्यर्थ कर रहे हैं । यदि हम ऐसी बातों पर ५ पैसे भी खर्च करते होंगे, तो हमें मनुष्य समान जीवन जीने का कोई अधिकार नहीं ।
३. ऐसे लोगों के कारण मुझे लज्जा आती है । मुझे इस बात पर क्रोध भी आता है । रुढि, परंपरा और संस्कृति इसके नाम पर हिजडों समान ताली बजाने वालों की हमें कोई भी आवश्यकता नहीं ।
४. कोई साधु मंच से कुछ बोलता है, तो हमें हिजडों समान ताली बजाने की आवश्यकता है क्या ?
(कहते हैं) ‘कथावाचक और पुजारी ,लोगों को फंसाते हैं !’
इटालिया ने ‘आप’ का प्रदेशाध्यक्ष होने के पहले भी हिंदू धर्म के विषय में अश्लील विधान किए थे । उसका भी एक वीडियो प्रसारित हुआ था । इसमें उन्होंने कहा था कि, सर्वसामान्य व्यक्ति परिश्रम कर जीवन जीता है; लेकिन पुजारी, कथावाचक तथा लोगों के भविष्य बताने वाले बैठे बैठे लोगों को फंसाते हैं । उन्होंने धर्म को धंधा बनाया है । वे लोगों को धर्म का डर दिखाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं । ये कथावाचक केवल सूरत में ही कथावाचन क्यों करते हैं ? यदि वे बडे हैं, तो सीमा पर जाकर क्यों कथा वाचन नहीं करते ? उन्हें पाकिस्तान और बांगलादेश सीमा पर जाकर कथा वाचन करना चाहिए ।