- साजिद नाडियावाला ने प्रेमकथा पर आधारित चित्रपट को स्वयं के श्रद्धास्थान का नाम देने का साहस दिखाया होता क्या ? हिंदू सहिष्णु होने के कारण उठते बैठते कोई भी हिंदू धर्म, धर्मग्रंथ, संत, महापुरूष इनका अपमान करता है । हिंदुओं को अब तो जागृत होकर स्वयं के श्रद्धास्थानों का अपमान वैधानिक मार्ग से रोकना चाहिए !
- अभीतक ‘द लव गुरू’, ‘रासलीला’, ‘केदारनाथ’ ऐसे हिंदुओं के श्रद्धास्थानों के नाम का प्रयोग कर बनाए गए चित्रपटों से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को पैरों के नीचे कुचला गया है, यह ध्यान दें !
- ‘केंद्रीय फिल्म निरीक्षण बोर्ड’ को इस चित्रपट की अनुमति को नकारते हुए १०० करोड हिंदुओं की धर्मभावनाओें की रक्षा करनी चाहिए, ऐसी हिंदुओं की अपेक्षा है !
- इस देश में बहुसंख्यकों की ओर से यदि अल्पसंख्यकों के श्रद्धास्थानों का गलती से भी अपमान होता है, तो वो घोर अपराध होता है, अल्पसंख्यकों की ओर से बहुसंख्यकों के श्रद्धास्थानों का अपमान होने पर यह व्यक्ति स्वतंत्रता होती है ! इसमें बदलाव करने के लिए हिंदु राष्ट्र की स्थापना करें !
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मुंबई – चित्रपट निर्माता साजिद नाडियावाला प्रेमकथा पर आधारित ‘सत्यनारायण की कथा’ नाम का हिंदी चित्रपट बनाने वाले हैं । इस चित्रपट का दिग्दर्शन समीर विध्वंस करने वाले हैं और यह चित्रपट वर्ष २०२२ में प्रदर्शित किया जाएगा ।
इस चित्रपट का पोस्टर हल ही में सामने आया है । इस चित्रपट में काम करने वाले अभिनेता कार्तिक आर्यन् ने कहा कि इस चित्रपट में प्रेमकथा है । इस चित्रपट की शूटिंग अभी शुरू नही हुई है ।
इस चित्रपट में क्या है, यह भले ही अभी स्पष्ट नही हुआ है, तो भी ‘एक प्रेमकथा पर आधारित चित्रपट को हिंदूओं के श्रद्धास्थान श्रीसत्यनारायण का नाम क्यों ?’ ऐसा प्रश्न उङ्गाया जा रहा है ।