कन्याकुमारी (तमिळनाडू) में अनाधिकृत चर्च के विरोध में आंदोलन करने वाले हिंदुत्ववादियों को हिरासत !

  • कुछ घंटों के बाद छोड़ दिया !

  • जिले के ३०० से अधिक हिंदुत्ववादियों द्वारा ५० स्थानों पर ‘रस्ता रोको’ आंदोलन !

  • हिंदुत्ववादियों को अनाधिकृत चर्च पर कार्यवाही करने की मांग क्यों करनी पडती है ? सरकार, पुलिस और प्रशासन के ध्यान में क्यों नहीं आता है ?
  • चर्च द्वारा अनेक भूमि हडपने पर भी आधुनिकतावादी, हिंदु विरोधी मीडिया, कम्युनिस्ट, कांग्रेसी इस विषय में एक शब्द भी नहीं निकालते, यह ध्यान दें !
  • द्रमुक (द्रविड मुन्नेत्र कळघम् (द्रविड उन्नति संघ)) शासित तमिळनाडू में अनधिकृत चर्च पर कार्रवाई होने की बिलकुल भी संभावना नहीं है ! में अनाधिकृत चर्च के विरोध में कार्यवाही की तत्काल कोई संभावना नहीं है ! इसके लिए हिंदुत्ववादियों द्वारा न्यायालय में जाने समान वैध मार्ग से आवाज उठाना अपेक्षित !
अनाधिकृत चर्च के विरोध में आंदोलन करते हिंदु

कन्याकुमारी (तमिळनाडू) – कन्याकुमारी जिले के माथुर पुल के पास के अनाधिकृत चर्च के विरोध में विविध हिंदुत्ववादी संघठनों ने अभी हाल ही में तीव्र आंदोलन किया । इस अनाधिकृत चर्च को हटाने की मांग करते हुए जिले के ३०० से अधिक हिंदुत्ववादियों ने ५० स्थानों पर ‘रस्ता रोको’ आंदोलन किया । आंदोलन को बढता देख पुलिस ने कन्याकुमारी के जिला प्रशासकीय कार्यालय के सामने आंदोलन स्थल से भाजपा के नागरकॉइल के विधायक एम.आर. गांधी, भाजपा के जिला अध्यक्ष धर्मराज के साथ अनेक हिंदुत्ववादियों को हिरासत में लिया । कुछ घंटों बाद उन्हें छोड़ दिया गया । आंदोलन में भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिंदू मुन्नानी (हिंदु मोर्चा पर) इस संघठन के कार्यकर्ता और कुछ गांववाले सम्मिलित थे ।

चर्च को तिरपाल से ढंकने का प्रशासन का हास्यास्पद उपाय !

हास्यास्पद उपाय करने वाला प्रशासन ! प्रशासन द्वारा ऐसे अनाधिकृत चर्च को ढकना, अर्थात स्वयं की अकार्यक्षमता को ढंकने का प्रयास है ! ‘हम कुछ तो करते हैं’, ऐसा दिखाने वाले ऊपरी उपाय नहीं चाहिए, तो अनाधिकृत चर्च बनाने वालों पर कठोर कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए !
हिंदुत्ववादियों के छूटने के बाद उनकी उपजिलाधिकारी के साथ बैठक हुई, इस समस्या पर उपाय निकालने के लिए वर्तमान में चर्च को तिरपाल से ढंकने का निर्णय प्रशासन ने लिया ।

कन्याकुमारी जिले में सैकडों अनाधिकृत चर्च ! – हिंदुत्ववादियों का आरोप

इतनी बडी संख्या में अनाधिकृत चर्च बनते समय प्रशासन सोया था क्या ? इसके लिए उत्तरदायी लोगों को आजीवन कारागृह में डालना चाहिए !

आंदोलनकारी हिंदुत्ववादियों ने अनाधिकृत चर्च के संबंध में जानकारी देते समय बताया कि, हिंदुओं और ईसाइयों के बीच धार्मिक सद्भाव बनाए रखने के लिए वर्ष १९८२ में प्रस्तुत की गर्इ ‘वेणुगोपाल समिति’ की रिपोर्ट पर विचार करना चाहिए । इसके अनुसार निजी या सार्वजनिक स्थानों पर चर्च नहीं बनाए जा सकते हैं । ऐसा होते हुए भी, ईसाई मिशनरी चालाकी से कोई भवन किराए पर लेते हैं और कुछ समय बाद उसपर क्रॉस लगाते हैं । कई बार मिशनरी कोई भी अनुमति लिए बिना चर्च बनाते हैं और बिना बिजली के अनेक वर्षों तक उसे चलाते हैं । आगे प्रतीक्षा कर चर्च को अधिकृत कर लेते हैं । आज कन्याकुमारी जिले में इस प्रकार के सैकडों चर्च खडे हैं ।