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२५ वर्षां बाद निर्णय लगना, यह भारतीय न्यायपालिका की प्रशंसा करने योग्य नहीं, ऐसा ही जनता को लगेगा !
बंगलूरू (कर्नाटक) – पिछले २५ वर्षों से चालू मनौती मुंडन मामले के विवाद पर अंत में परदा गिरा है । मुंडन की आय का संपूर्ण अधिकार मंदिर को दिया गया है, तो केवल मुंडन का कार्य नयनज क्षत्रिय संघ को दिया गया है । यहां की दीवानी न्यायालय ने यह निर्णय दिया है ।
श्रीकंठेश्वर स्वामी के क्षौरकर्म स्थल पर मुंडन कार्य करने वाले नयनज क्षत्रिय संघ के सदस्यों ने ‘हम वंश परंपरा से मुंडन कार्य से जुड़े होकर क्षौरकर्म स्थल पर संघ का अधिकार है’, ऐसा कहते हुए क्षौरकर्म स्थल से होने वाली सभी आय संघ ने स्वयं ली । इस कारण मंदिर को लाखों रुपयों की हानि होने लगी । मंदिर व्यवस्थापन समिति ने मुंडन सेवा मंदिर के अधिकार को नीचे लाने के लिए लडाई लडी थी । इस संदर्भ में २५ वर्ष पूर्व संघ ने नरसिंहपुर दीवानी न्यायालय में दावा दाखिल किया था । उस पर न्यायालय ने उपरोक्त निर्णय दिया है ।