जयपुर (राजस्थान) में कोरोना नियमों की उपेक्षा कर एक मुस्लिम समाजसेवी के अंतिम संस्कार में १५ सहस्र से अधिक लोगों की उपस्थिति !

  • पुलिस दर्शक एवं सुरक्षा प्रदान करने की भूमिका में दिखे !

  • कांग्रेस नेता भी उपस्थित !

  • सामान्य नागरिकों से दंड वसूल करने वाली पुलिस धर्मांधों के सामने घुटने टेक देती है, यह ध्यान में लें ! ऐसे पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए !

  • कांग्रेस के राज्यों में धर्मांधों को प्रत्येक नियम से छूट है, यही पुनः एक बार स्पष्ट हो जाता है !

जयपुर (राजस्थान) – जयपुर में सामाजिक कार्यकर्ता हाजी रफत अली के अंतिम संस्कार में सहस्रों लोगों ने सम्मिलित होकर कोरोना नियमों का उल्लंघन किया । इन लोगों ने न मास्क पहना था तथा न ही सामाजिक दूरी बनाए रखी थी । पुलिस ने इन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की अपेक्षा उन्हें सुरक्षा प्रदान करने में ही अपने आपको कृतार्थ माना । सत्तारूढ कांग्रेस के दो नेता भी इस अंतिम संस्कार में सम्मिलित हुए थे । इस घटना का एक चलचित्र (वीडियो) भी सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित हुआ है । पुलिस ने कार्रवाई की है यह दर्शाने के लिए कि यहां के विधायक रफीक खान सहित अनेक लोगों के विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट किया है ।

१. इसके पूर्व, राज्य के जैसलमेर में राज्य मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता के अंतिम संस्कार में भी ५ सहस्रों से अधिक लोग सम्मिलित हुए थे । तब भी पुलिस निष्क्रिय रही । उसी दिन प्रदेश के धौलपुर में भाजपा विधायक सुखराम खोली ने हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना के पश्चात अखंड रामायण का पाठ किया था । इसमें ५०० से अधिक लोगों ने भाग लिया था । इस पर मुख्यमंत्री ने सबके सामने जिलाधिकारी को फटकारा था । (इससे मुख्यमंत्री का दोहरापन दिखाई देता है ! – संपादक)

२. पुलिस ने १७ मई तक नियमों का उल्लंघन करने वालों से २१ लाख ५१ सहस्र रुपए की राशि अर्थ दंड के रूप में एकत्रित की थी ।