प्राणवायु (ऑक्सीजन) निर्भरता कम करता है !
नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित कोरोना इनहिबिटर, ‘२ डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज’ (२-डीजी) को औषधि के महानियंत्रक द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है । इस औषधि को कोरोना के मंद से तीव्र लक्षणों वाले रोगियों में ‘सहायक उपचार पद्धति’ के रूप में प्रयोग किया जाएगा । २-डीजी पाउडर के रूप में आता है । इसे पानी में मिलाया जाता है ।
१. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, परीक्षणों से पता चला है कि, “दवा ‘२-डीजी’ चिकित्सालय में भर्ती रोगियों को तेजी से ठीक होने में सहायता करता है एवं अतिरिक्त प्राणवायु की निर्भरता को न्यून करता है ।” कोरोना की दूसरी लहर में, बहुत बडी संख्या में रोगी प्राणवायु पर निर्भर हैं तथा उन्हें चिकित्सालय में भर्ती करने की आवश्यकता होती है । जिस प्रकार से संक्रमित कोशिकाओं में यह औषधि काम करती है, उससे जीवन को बचाने की अपेक्षा की जाती है । यह दवा कोरोना रोगियों के चिकित्सालय में रहने का अवधि भी न्यून कर देगी । रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, ‘यह औषधि सहजता से निर्माण की जा सकती है तथा बडी मात्रा में देश में ही उपलब्ध हो सकती है ।’२. ‘२-डीजी’, यह औषधि संक्रमित कोशिकाओं में जमा होती है तथा विषाणू के वृद्धि को रोकती है । विषाणु से संक्रमित कोशिकाओं में संचय होना, यह इस औषधि की विशेषता है ।