देश में प्राणवायु (ऑक्सीजन) का लेखा परीक्षण एवं इसकी आपूर्ति की पद्धति का पुनर्विचार करें ! – सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को दिया आदेश

नई दिल्ली : देश भर में प्राणवायु की आपूर्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता है । शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को प्राणवायु का लेखा परीक्षण करने तथा इसकी आपूर्ति की पद्धति पर पुनर्विचार करने का भी निर्देश दिया । सर्वोच्च न्यायालय ने देश की प्राणवायु की न्यूनता पर चल रही सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया । इस समय, प्राणवायु की खरीद एवं आपूर्ति के विषय में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एक पूरी योजना प्रस्तुत की है । केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, ‘दिल्ली के चिकित्सालयों में प्राणवायु का बडा भंडार है, जबकि जम्मू तथा कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं राजस्थान जैसे राज्यों में प्राणवायु की मांग बढ रही है ।’

१. न्यायालय ने तुषार मेहता से कहा कि, ‘जब आपने योजना बनाई थी, तो आपने सोचा था कि सभी को प्राणवायु की आवश्यकता नहीं होगी ; परंतु, घर पर उपचार प्राप्त करने वाले रोगियों को इसकी आवश्यकता होती है ।’

२. सर्वोच्च न्यायालय ने इस समय दिल्ली उच्च न्यायालय की अवमानना के नोटिस को निरस्त कर दिया । अदालत ने कहा कि, अवमानना प्रकरण या अधिकारियों के कारावास के कारण प्राणवायु की आपूर्ति नहीं बढेगी । अभी लोगों के प्राण संकट में हैं, ऐसे में सभी से सहायता की आवश्यकता है । केंद्र सरकार तथा दिल्ली सरकार के अधिकारियों को इस सूत्र पर तत्काल बैठक करनी चाहिए ।’