पहले बंगाल में माकपावाले और नक्सली हिंसा करते थे, तो पिछले १० वर्षाें से तृणमूल कांग्रेसवाले हिंसा कर रहे हैं । ऐसे राय में अब राष्ट्रपति शासन लगाना ही आवश्यक है !
चुनाव से पूर्व भी बंगाल की कानून-व्यवस्था की स्थिति ऐसी ही थी । पिछले २-३ वर्षाें में भाजपा के १०० से भी अधिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुईं; परंतु उसी समय केंद्र सरकार ने इसकी गंभीरता को ध्यान में रखकर बंगाल में राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया और अब यही हिंसाचार आगे बढाया जा रहा है । इसके लिए कौन उत्तरदायी है ?
कोलकाता : बंगाल विधानसभा के परिणामों की घोषणा होते ही राज्य में हिंसा भडक गई है । इस हिंसा में अभीतक ११ लोगों के मारे जाने का समाचार है । दैनिक ‘जागरण’ द्वारा दिए गए समाचार में इस हिंसा में भाजपा के ९ और तृणमूल कांग्रेस का १ कार्यकर्ता मारा गया है, साथ ही एक और व्यक्ति की मृत्यु हुई है । कोलकाता के उल्टाडांगा में भाजपा के कार्यकर्ता के साथ अमानवीय मारपीट कर उसे मार डाला गया । चुनाव परिणामोंकी घोषणा होने से लेकर बंगाल के दक्षिण २३ परगणा, नादीया, बर्धमान और उत्तर २४ परगणा जनपदों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं । बंगाल के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने यह आरोप लगाया है कि इन घटनाओं में भाजपा के १०० से भी अधिक कार्यालय और कार्यकर्ताओं के घरों में तोडफोड की गई और कुछ घरों में आग लगाई गई । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल प्रशासन से इस हिंसा के संदर्भ में ब्यौरा मांगा है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संदर्भ में बंगाल के राज्यपाल जगदीश धनखड से दूरभाषपर चर्चा कर चिंता व्यक्त की । राज्यपाल धनखड ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को स्थिति को नियंत्रण में लाने के आदेश दिए हैं ।
जिस चुनावक्षेत्र में ममता बनर्जी की पराजय हुई, उस नंदीग्राम में भाजपा कार्यालय पर आक्रमण किया गया,साथ ही दुकानों में भी तोडफोड की गई । कुछ स्थानों पर आगजनी की गई है । भाजपा ने यह आरोप लगाया कि घटनास्थल पर पुलिसकर्मियों के पहुंचने पर हिंसा फैलानेवाले भाग गए, साथ ही भाजपा ने इस हिंसा में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के सम्मिलित होने का भी आरोप लगाया । तो दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने इस हिंसा के लिए भाजपा को उत्तरदायी बताया है ।
भाजपा कार्यकर्ता द्वारा ‘फेसबुक लाईव’के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही हिंसा दिखाए जाने के कुछ ही घंटों में उसकी हत्या !
बंगाल के भाजपा के एक कार्यकर्ता अभिजित सरकार ने ‘फेसबुक लाईव’ कर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही हिंसा की जानकारी दी । उसके कुछ ही घंटों के पश्चात उनकी हत्या की गई । इस समय उनके पालतू कुत्ते को भी मार डाला गया । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत्प्रकाश नड्डा भाजपा के मृतक कार्यकर्ताओं के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देनेवाले हैं ।
श्री महाकालीदेवी और श्री हनुमान की मूर्तियों की तोडफोड !
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा उसके कोलकाता स्थित कार्यालय पर भी आक्रमण किए जाने का आरोप लगाया है । वहां स्थित कार्यकर्ताओं के साथ भी मारपीट की गई, साथ ही कार्यालय में स्थित श्री महाकालीदेवी और श्री हनुमान की मूर्तियों की तोडफोड किए जाने का भी आरोप लगाया है ।
अभाविप के महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि जिन्होंने ममता बनर्जी के विरोध में बोलने का प्रयास किया, उन पर आक्रमण किए जा रहे हैं । इस कार्यालय में स्थित श्यामाप्रसाद मुखर्जी, सुभाषचंद्र बोस और रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमाएं भी तोडी गईं ।
भाजपा की ओर से उसकी महिला एजेंट के साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने का आरोप
भाजपा ने उनकी २ महिला पोलिंग एजेंट के साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया है ।
(कहती हैं) ‘जबतक मैं मुख्यमंत्रीपद की शपथ नहीं ग्रहण करती, तबतक कानून-व्यवस्था का दायित्व मेरा नहीं है ! – ममता बनर्जी का आक्रोश !
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में भडकी हिंसा के संबंध में बोलते हुए अपने दल के कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने का और उकसाए जाने की बलि न चढने का आवाहन किया । उन्होंने चुनाव के समय केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा तृणमूल के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किए जाने का भी आरोप लगाया । उन्होंने यह दावा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग यदि भाजपा की सहायता न करता, तो भाजपा को चुनाव में ५० स्थान प्राप्त करना भी कठिन हो जाता । ममता बनर्जी ने कहा कि मैं जबतक मुख्यमंत्रीपद की शपथ नहीं लेती, तबतक राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने का दायित्व मेरा नहीं है । हिंसा के संदर्भ में भाजपा पुराने छायाचित्र और अन्य रोज्यों में हुई हिंसा के छायाचित्र प्रसारित कर झूठे आरोप लगा रहा है ।
ममता बनर्जी बंगाल में अराजक फैला रही है ! – सीताराम येचुरी ने भी की आलोचना
माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि जिस प्रकार तृणमूल कांग्रेस अपनी विजय का आनंद मना रही है, वह निंदनीय है । ऐसी हिंसा का प्रतिकार किया जाएगा, जो अस्वीकरणीय है । ममता बनर्जी कोरोना महामारी का सामना करने की अपेक्षा अराजक फैला रही हैं ।
जेएन्यू छात्र संगठन की महिला अध्यक्ष की ओर से भी हिंसा का विरोध !
सजेएन्यू विश्वविद्यालय की छात्र संगठन की अध्यक्ष आयशी घोष ने भी तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा का आरोप लगाया है । तृणमूल को जनता द्वारा दिए गए बहुमत का सम्मान करना चाहिए । यह बहुमत उन्हें राज्य में काम करने के लिए मिला है, हिंसा फैलाने के लिए नहीं । ममता बनर्जी के कार्यकर्ता विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं के घर पर आक्रमण कर रहे हैं, इसे सहन नहीं किया जा सकता ।
तृणमूल के जनप्रतिनिधियों को भी देहली आना पडता है, इस बात को ध्यान में रखिए ! – भाजपा सांसद की चेतावनी
नई देहली : देहली के भाजपा सांसद परवेश साहिसिंह वर्मा ने अपने एक ट्वीट में यह चेतावनी देते हुए लिखा है कि बंगाल विधानसभा का चुनाव जीतने के पश्चात तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने हमारे कार्यकर्ताओं को मार डाला और उनके गाडियों की तोडफोड की । यह बात ध्यान में रखिए कि तृणमूल के सांसदों को, मुख्यमंत्री को और विधायकों को भी देहली आना पडता है । इसे चेतावनी समझिए !चुनाव में हार-जीत तो होती ही रहती है, हत्याएं नहीं होती । इसे चेतावनी समझिए ।