बेड उपलब्ध न होने से कोरोनाग्रस्त रोगी की मृत्यु !

रांची (झारखंड) के चिकित्सालय में स्वास्थ्य मंत्री की उपस्थिति में ही हुई क्षोभजनक घटना !

  • जिसपर राज्य की जनता के स्वास्थ्य का दायित्व है, ऐसे स्वास्थ्य मंत्री ही इस प्रकार की निष्क्रियता और असंवेदनशीलता दिखाते हों, तो गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा बताए अनुसार कोरोना काल में जनता का स्वास्थ्य ‘भगवान भरोसे’ ही रहेगा, इसमें कोई संदेह नहीं ! अतः जनता को अब तो अपनी रक्षा के लिए भगवान की आराधना करनी चाहिए !

  • जहां पूरे देश में कोरोना ने हाहाकार मचाया है, उसके कारण सर्वत्र ही स्वास्थ्य तंत्र अपर्याप्त सिद्ध हो रहे हैं और उसके कारण ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं । स्वतंत्रता के पश्चात के सर्वदलीय शासनकर्ताओं द्वारा अभी तक जनता के स्वास्थ्य की अनदेखी किए जाने से ही इस आपातकाल में जनता त्रस्त है, यह बात स्पष्ट है !

रांची (झारखंड) – यहां के चिकित्सालय में भर्ती होने हेतु आए कोरोना रोगी को पलंग उपलब्ध न होने से चिकित्सा के अभाव में उसकी मृत्यु हुई । यह रोगी चिकित्सा के लिए राज्य के हजारीबाग से यहां आया था ; परंतु चिकित्सालय की सीढीयों पर ही उसकी मृत्यु हुई ।

वहां के डॉक्टरों ने इस कोरोनाग्रस्त रोगी की जांच नहीं की । पीडित रोगी की पुत्री और उसके संबंधी चिकित्सालय के डॉक्टरों से निवेदन किया ; परंतु किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया । उस समय राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी वहां उपस्थित थे ; परंतु वे भी उनके सामने से ही निकल गए । उन्होंने, ‘यहां की स्थिति सामान्य है’, ऐसा भी दावा किया । इस घटना से यहां की वास्तविकता भी उजागर हुई । रोगी की पुत्री ने अपना क्षोभ प्रकट करते हुए कहा, ‘‘राजनेताओं को केवल मतों से लेना-देना है । क्या वे मेरे पिता को वापस लौटा सकते हैं ?’ यह घटना ज्ञात होने पर मंत्री गुप्ता ने लिपापोती करते हुए स्वास्थ्य विभागपर दोष जडते हुए खोखली चेतावनी देते हुए कहा कि, ‘ऐसी घटनाएं सहन नहीं की जाएगी ।’