कर्नाटक में धर्मांधों द्वारा मंदिरों की पवित्रता को नष्ट करनेवाली घटनाएं !
मुंबई : कर्नाटक के मैंगलूरू में कोरगज्जा मंदिर में एक अत्यंत संतापजनक घटना घटित हुई है । नवाज (मृतक), अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफीक ने दान-पेटी में अपवित्र वस्तु डालकर, कोरगज्जा मंदिर की पवित्रता को नष्ट किया ; जिससे न केवल मैंगलूरू, अपितु देश भर के हिंदुओं में क्रोध की लहर फैल गई है । यह एकमात्र घटना नहीं है, कर्नाटक राज्य में ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में आई हैं । हिन्दू जनजागृति समिति (एच.जे.एस.) ने चेतावनी दी है कि यदि समाज को विभाजित करने के इरादे से ऐसी हरकत करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो प्रशासन को हिंदुओं के कोप का सामना करना पडेगा । इस पृष्ठभूमि पर, मंदिरों के पवित्रता का संरक्षण किया जाना चाहिए और कोरोना महामारी के वर्तमान आपातकाल के दौरान, कानून और व्यवस्था को बनाये रखने के लिए प्रशासन पर और अधिक तनाव न हो, इसलिए हिन्दू जनजागृति समिति (एच.जे.एस.) ने देशभर के मंदिर न्यासियों से अपील की है कि, ‘वे गैर-हिंदुओं और भगवान में आस्था न रखने वालों के मंदिर प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएं ।’ समिति की ओर से “राष्ट्रीय मंदिर-संस्कृति रक्षा अभियान’’ के अंतर्गत एक अभियान चलाया जाएगा और ‘सभी मंदिर के ट्रस्टी और भक्त इसमें भाग लें’, यह आवाहन समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश शिंदे ने किया है ।
श्री. रमेश शिंदे ने प्रसिद्धी के लिए दिए गए पत्रक में कहा है कि,
१. मैंगलूरू के मंदिर में कट्टरपंथियों द्वारा किए गए कृत्य, हिन्दू पूजा स्थलों पर जानबूझकर की गई एक घोर निषिद्द कृति है । यदि मुसलमानों के पूजा स्थलों के बारे में ऐसी घटना होती, तो देश में आग लग जाती ; चूंकि, हिन्दू सहिष्णु हैं, इसलिए यहां का माहौल शांत है । अत:, इस तरह के हिन्दू विरोधी कृत्यों के कारण, मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना अनिवार्य है ।
२. हम सभी मंदिर के ट्रस्टियों से अपील कर रहे हैं कि, वे हिन्दू मंदिरों के बाहर बडे-बडे होर्डिंग लगाएं, जिनमें ‘गैर-हिंदुओं और अश्रद्धालुओं को प्रवेश करने से रोक दिया जाता है’, यह लिखा हो । साथ ही इसका उल्लंघन करने वालों की सूचना पुलिस थाने को दी जानी चाहिए । समिति इस संबंध में जागरूकता निर्माण करने के लिए मंदिर के ट्रस्टियों की बैठकें आयोजित करेगी ।
कोरगज्जा मंदिर में क्या हुआ ?
नवाज, अब्दुल और तौफीक कुछ दिन पहले कोरगज्जा मंदिर गए थे । उन्होंने मंदिर की दान-पेटी में गर्भनिरोधक डाल दिया । इसके अलावा, मृत्यु के पहले, नवाज नाम के इस कट्टरपंथी ने अनेक बार मंदिर में मल-मूत्र विसर्जन किया था । कुछ दिनों बाद, नवाज़ को खून की उल्टी हुई । मरने से पहले उसने कहा, “यह भगवान कोरगज्जा का अभिशाप है ।” उसके बाद तौफीक को भी खून की उल्टी होने लगी । मौत के डर से, अब्दुल और तौफीक पुजारियों के पास गए और अपराध स्वीकार कर लिया । पुजारियों को पक्के सबूत मिलने के उपरांत, उन्होंने पुलिस को बुलाया और कट्टरपंथियों को पुलिस के हवाले कर दिया । ‘सर्वधर्म समभाव’ की बांग देनेवाले एक भी मुसलमान नेता ने इस बारे में कोई खेद भी व्यक्त नहीं किया, इस तथ्य पर शिंदे ने ध्यान आकर्षित किया ।