ईश्वर के अभिशाप के कारण एक धर्मांध की मृत्यु तथा दूसरे का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उसने अपराध स्वीकार कर लिया !
‘कोई भगवान नहीं है’ ऐसे कहने वाले अंधश्रद्धा निर्मूलन संस्था वालोंको का इस विषय में क्या कहना है ?
मंगलुरू (कर्नाटक)- यहां के कोरगज्जा देवस्थानकी अर्पण पेटी में गर्भनिरोधक एवं अश्लील लेखन का कागज डालने के अपराध में पुलिस ने जोकट्ट के अब्दुल रहीम एवं अब्दुल तौफीक को बंदी बना लिया है । महत्वपूर्ण रूप से, बंदी बनाए रहीम एवं तौफीक ने भगवान कोरगजा के अभिशाप के भय से भगवान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया । उस समय उन्हें बंदी बना लिया गया । मंगलुरू पुलिस अधीक्षक एन. शशि कुमार ने यह सूचना दी । विगत ३ माहों (महीनों) में ऐसी अश्लील हरकतों के ४-५ प्रकरण सामने आए थे । इस संबंध में पुलिस में परिवाद भी दर्ज कराए गए हैं । पुलिस द्वारा अपराधियों को बंदी बनाने में विफल रहने के पश्चात, श्रद्धालुओं ने दोषियों को दंडित करने के लिए भगवान से प्रार्थना की । यहां श्रद्धालुओं को भगवान कोरगजा में विश्वास है तथा वे उन्हें भगवान शिव का अवतार मानते हैं ।
एक धर्मांध की मृत्यु
पुलिस ने कहा कि अब्दुल रहीम एवं अब्दुल तौफीक को उनका मित्र नवाज मंदिर ले जाता था । वह स्वयं को मांत्रिक कहता था । इन तीनों ने यह जघन्य कृत्य किया था । कुछ दिनों के पश्चात नवाज का स्वास्थ्य खराब हो गया । उसे खून की उल्टियां होने लगीं । तदुपरांत उसने दीवार पर अपना सिर पीटकर अपना जीवन समाप्त कर लिया । मरने से पूर्व उसने कहा, ‘यह भगवान कोरगाजा का अभिशाप है।’ नवाज की मृत्यु के पश्चात, तौफीक का भी स्वास्थ्य खराब होने लगा तथा उसे खून की उल्टी होनी प्रारंभ हो गई । भयभीत आरोपी अब्दुल रहीम एवं अब्दुल तौफीक को तब बंदी बना लिया गया जब वे अपनी गलती के लिए क्षमायाचना कर दान पेटी में पैसे डालने के लिए एम्मेकेरे कोरगजा मंदिर आए थे । जांच के दरम्यान आरोपियों ने उनके द्वारा की गई कारनामों की स्वीकृति दी है।