आपातकाल में उपयुक्त सिद्ध होनेवाले सौरऊर्जा तंत्र की फलोत्पत्ति बढाने के लिए अल्प बिजली पर चलनेवाले सुधारित उपकरणों का उपयोग करें !

आपातकाल में भोजन-अनाज,पानी और बिजली आदि जीवनावश्यक वस्तुआें की कमी उत्पन्न हो सकती है । उस समय बिजली की आपूर्ति खंडित होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में साधक सौरऊर्जा तंत्र लगा रहे हैं । सौरऊर्जा द्वारा मिलनेवाली बिजली का उपयोग उचित प्रकार से होने के लिए निम्नांकित तथ्य ध्यान में रखें ।

पहले उपयोग किए जानेवाले साधारण दीपक से लेकर सभी प्रकार के विद्युत उपकरणों की निर्मिति में दिन प्रतिदिन बडी मात्रा में सुधार हुआ है और अभी भी हो रहा है,उदा.पहले पीला प्रकाश देनेवाले दीपक के स्थान पर सफेद प्रकाश देनेवाले सीएफएल (CFL) के दीपक आए हैं । उसके पश्‍चात अब नए एलईडी (LED) के दीपक आए हैं । ये दीपक पहले के दीपकों की तुलना में कम बिजली का उपयोग करते हैं । इसी प्रकार पंखे, प्रशीतक (फ्रिज), कूलर, धुलाईयंत्र (वॉशिंग मशीन), वातानुकूलित यंत्र (एसी) आदि विविध यंत्र बनानेवाले प्रतिष्ठान उनमें निरंतर सुधार कर बिजली का कम उपयोग करनेवाले यंत्र अथवा उपकरण बनाने पर बल दे रहे हैं ।

यह सूत्र ध्यान में रखकर नए उपकरण खरीदते समय बिजली का कम उपयोग करनेवाले उपकरण खरीदने पर बल दें । आर्थिक दृष्टि से संभव हो,तो पुराने उपकरण परिवर्तित कर नए उपकरण ले सकते हैं । इससे सौरऊर्जा द्वारा मिलनेवाली बिजली का उपयोग अल्प मात्रा में होने से आपातकालीन स्थिति में भी विद्युत उपकरणों का उपयोग सरलता से होता रहेगा ।