रामजन्मभूमि पर वेद मंत्रोच्चारों के साथ की गई राम अर्चना !

राममंदिर के भूमिपूजन समारोह का दूसरा दिन

अयोध्या (उत्तरप्रदेश) – राममंदिर भूमिपूजन के समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय अनुष्ठान के प्रथम दिन श्री गणेशपूजन और सीतामाता व भगवान श्रीराम की कुलदेवी का पूजन किया गया । तदुपरांत अगले दिन रामअर्चना की गई । काशी और अयोध्या के ९ वेदाचार्यों द्वारा मंत्रोच्चारों सहित यह पूजा की गई, जो ६ घंटे चली । इस अवसर पर यजमान के रूप में ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट’ के सदस्य राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्र और उनकी धर्मपत्नी थीं । ५ अगस्त की दोपहर १२ बजकर ३० मिनट पर प्रधानमंत्री मोदी के शुभहस्तोें राममंदिर का भूमिपूजन होनेवाला है । यह विधि १० मिनट तक चलेगी और यह कार्यक्रम कुल सवा घंटे का होगा । इस समारोह में उपस्थित प्रत्येक अतिथि को चांदी का सिक्का दिया जाएगा । इस सिक्के पर ‘राम दरबार’ और तीर्थक्षेत्र का प्रतीक-चिह्न होगा ।

१. राम अर्चना में भगवान राम, राजा दशरथ और रानी कौशल्या की पूजा की गई । इसके साथ ही रावण के साथ युद्ध करते समय भगवान श्रीराम की सहायता करनेवाले श्री हनुमान, नल-नील, सुग्रीव, जांबुवंत और बिभीषण की भी पूजा की गई ।

२. राममंदिर के भूमिपूजन का मुहूर्त निकालनेवाले श्री. गणेश्‍वरशास्त्री ने बताया कि, ‘अभिजीत मुहूर्त के १६ भागों में से १५ वां भाग अत्यंत शुद्ध होता है । उसमें भी ये ३२ सेकंड अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं । ५ अगस्त को बुधवार होने से मंदिर निर्मिति निर्विघ्न संपन्न होगा ।’

हनुमनगढी में किया गया श्री हनुमान पूजन और निशान पूजन !

राम अर्चना से पहले यहां की हनुमानगढी में श्री हनुमान पूजन और निशान पूजन किया गया । निशान पूजन द्वारा श्री हनुमान द्वारा राममंदिर के निर्माणकार्य की अनुमति ली गई । हनुमानगढी में निशान १ सहस्र ७०० वर्ष प्राचीन है ।

निशान पूजा का अर्थ क्या है ?

श्री हनुमान भगवान श्रीराम के द्वाररक्षक हैं । उनकी अनुमति के बिना किसी को भी अयोध्या में प्रवेश नहीं मिलता है । इसीलिए निशान पूजा की गई है । कुंभमेले के समय भी निशान-पूजन किया जाता है । यहां निर्वाणी अखाडे के आराध्य देवता श्री हनुमानजी हैं । इस अखाडे के निशान-पूजन का महत्त्व हनुमान पूजन समान ही है ।

मथुरा, काशी, प्रयागराज आदि स्थानों पर दीपोत्सव

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवाहन पर तीर्थनगरी मथुरा, वृंदावन, काशी, चित्रकूट, प्रयागराज, नैमिषारण्य और गोरखपुर में दीपोत्सव मनाया जानेवाला है । मुख्यमंत्री के निवासस्थान पर भी दीपोत्सव किया जानेवाला है ।

अयोध्या मार्ग पर रखे जानेवाले ५ सहस्र १०० रंगीन घडे

अयोध्या मार्ग पर रखने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सांस्कृतिक शाखा ‘संस्कार भारती’ मिट्टी के ५,१०० घडों की सजावट कर रही है । उन्हें विविध रंग, कपडे, गोटे, आम के पत्ते और दीपक से सजाया जा रहा है । ये घडे साकेत महाविद्यालय से जानेेवाले अयोध्या मार्ग पर रखे जाएंगे ।

दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण

भूमिपूजन समारोह के सीधे प्रसारण के लिए ४८ से भी अधिक अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए हैं । ये कैमरे दूरदर्शन और ‘एएनआइ’ समाचार संस्था के हैं । इन दोनों के १०० से भी अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं ।

राममंदिर निर्माण होने तक १ लाख २५ सहस्र बार शंखनाद का संकल्प

अयोध्या में भाग्यनगर से आए श्रीवल्लभ शंखनाद कर रहे हैं । उन्होंने संकल्प किया है कि ‘भूमिपूजन से पूर्व ११ सहस्र बार और राममंदिर निर्माण होने तक संपूर्ण देश में विविध स्थानों पर जाकर १ लाख २५ सहस्र बार शंखनाद करनेवाले हैं ।’