शरद पवार अध्यक्ष एवं सुप्रिया सुळे कार्याध्यक्ष वाले यशवंतराव चव्हाण केंद्र से शासन को करोडो रुपयों का चूना !

  • वार्षिक १ रुपये नाममात्र किराए की भूमि का वाणिज्यिक लाभ लिया; किंतु ४० वर्षों तक किराया नहीं चुकाया !

  • हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त विवरण से यह तथ्य उजागर हुआ !

यशवंतराव चव्हाण केंद्र

मुंबई, ३० अप्रैल (वार्ता) — शरद पवार अध्यक्ष तथा उनकी पुत्री सुप्रिया सुळे कार्याध्यक्ष के रूप में कार्यरत ‘यशवंतराव चव्हाण केंद्र’ ने राज्य शासन का ४० वर्षों से अधिक का ६ करोड रुपयों से अधिक किराया बकाया रखा है । यशवंतराव चव्हाण के कार्यों के प्रचार हेतु यह भूमि इस संस्था को प्रति वर्ष १ रुपये के प्रतीकात्मक किराये पर प्रदान की गई थी । परंतु उक्त स्थल से वाणिज्यिक लाभ प्राप्त कर इस केंद्र ने शासन की बकाया ६ करोड राशि ४० वर्षों से नहीं चुकाई है । यह तथ्य अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने सूचना के अधिकार द्वारा प्राप्त जानकारी से सार्वजनिक की है । इस शेष धनराशि की वसूली हेतु अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने मुंबई के अधिवक्ता अनिरुद्ध यादव की ओर से महाराष्ट्र सऱकार को नोटिस भेजा है ।

शरद पवार एवं सुप्रिया सुळे

विशेष तथ्य यह है कि शासन ने समय-समय पर उक्त संस्था से पत्राचार कर किराया जमा करने के लिए कहा है । शासन को किराया प्राप्त न होने की स्थिति में भूमि अनुबंध निरस्त किया जाए तथा संबंधित व्यक्तियों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए — ऐसा अधिवक्ता यादव द्वारा प्रेषित सूचना में कहा गया है ।

निर्धारित सीमा से अधिक भूमि का वाणिज्यिक उपयोग कर अधिकारियों को भ्रमित किया गया !

अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर

२० नवम्बर १९८५ को तत्कालीन शासन ने यशवंतराव चव्हाण केंद्र को ३ हजार ९४८.७५ वर्ग मीटर भूमि वार्षिक १ रुपये प्रतीकात्मक किराये पर दी थी । इस भूमि पर निर्मित भवन का कुल क्षेत्रफल ४९ हजार ५५० वर्ग फुट है । उसका १५ प्रतिशत — अर्थात ६ हजार ५७० वर्ग फुट — वाणिज्यिक उपयोग हेतु अतिरिक्त किराये पर प्रयुक्त किया जा सकता था । किंतु यथार्थ में ११ हजार ६३७ वर्ग फुट (अर्थात २४ प्रतिशत) क्षेत्र वाणिज्यिक कार्य हेतु प्रयोग किया जा रहा है । यह एक प्रकार की प्रशासन की अवमानना है । इस प्रकार अवैध लाभ अर्जित कर शासन का कर भी नहीं चुकाया गया है ।

४० वर्ष से किराया न भरकर यशवंतराव चव्हाण केंद्र सरकार को ठेंगा दिखा रहा है । कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस की गठबंधन सरकार के दौरान तथा वर्तमान में महायुति सरकार के दौरान यशवंतराव चव्हाण केंद्र से बकाया राशि वसूल नहीं की गई है । ‘विश्वसनीय श्रेष्ठतम सेवा’ — यह उसका आदर्श वाक्य है तथा ‘सेवाभाव, विश्वसनीयता, कौशल, सृजनशीलता, उत्तरदायित्व’ जैसे मूल्य उसके द्वारा घोषित किए जाते हैं; किंतु इन्हीं मूल्यों को ध्यान में रखते हुए यशवंतराव चव्हाण केंद्र यह बकाया कब चुकाएगा ? यह एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण प्रश्न है ।

यशवंतराव चव्हाण केन्द्र’ ने इतनी धनराशि बकाया रखी है !

वर्ष

बकाया किसकी ?

वर्ष २०२२ तक की बकाया धनराशि अधिक भूमि-भाडे की धनराशि ४ करोड ८३ लाख २६ सहस्त्र ६१५ रुपये
३० जून २०२२ से ३१ दिसम्बर २०२२ तक ब्याज की धनराशि १७ लाख २३ सहस्त्र ८७० रुपये
०१ जनवरी से ३१ दिसम्बर २०२३ तक ब्याज की धनराशि ४० लाख ५९ सहस्त्र ४३६ रुपये
०१ जनवरी से ३१ दिसम्बर २०२३ तक की कुल बकाया अधिक भूमि-भाडा २९ लाख ९७ सहस्त्र ६६४ रुपये
कुल ६ करोड ०१ लाख ०५ सहस्त्र २४९ रुपये