बंगाल में वक्फ सुधार कानून के नाम पर हो रहे हिन्दुओं के नरसंहार की ओर ध्यान आकर्षित,

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – वक्फ (सुधार) अधिनियम २०२५ के विरोध के समय पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंदुओं के विरुद्ध हुई हिंसा में ३ निर्दोष हिंदुओं की हत्या कर दी गई और ५०० से अधिक हिंदू परिवारों को पलायन के लिए बाध्य किया गया । उनके घर, दुकानें और मंदिर जला दिए गए । यह स्पष्ट संकेत है कि बंगाल को ‘दूसरा कश्मीर’ बनाने की षड्यंत्र रचा जा रहा है ।
हिंदू जनजागृति समिति ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा कि ममता बनर्जी सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है । इसलिए बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, जिससे निर्दोष हिंदुओं की रक्षा हो सके ।
यह ज्ञापन वाराणसी के जिलाधिकारी को सौंपा गया । इस अवसर पर वाराणसी व्यापारी मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, सरचिटनीस कविंद्र जैसवाल, सहमंत्री मनीष गुप्ता, अधिवक्ता संजीवन यादव, ‘भारत विस्डम’ के संस्थापक अधिवक्ता राजेश तिवारी, अधिवक्ता कमलेशचंद्र त्रिपाठी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिवक्ता रजनीश अग्रवाल, विश्व हिंदू परिषद के अधिवक्ता अवनीश राय, हिंदू जनजागृति समिति के श्री राजन केशरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे ।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि वर्ष २०२१ के विधानसभा चुनावों के बाद से बंगाल में हिंदू-विरोधी हिंसा में भारी वृद्धि हुई है । सैकड़ों कार्यकर्ताओं की हत्या, महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हजारों हिंदू परिवारों को भाजपा को वोट देने के कारण पलायन करना पड़ा ।
हुगली, हावड़ा, उत्तर दिनाजपुर, मालदा, वर्धमान आदि जिलों में हर वर्ष श्रीराम नवमी, हनुमान जयंती और नवरात्रि जैसे त्योहारों पर निकलने वाली शोभायात्राओं पर योजनाबद्ध आक्रमण किए जाते हैं । इससे स्थानीय हिंदू समुदाय में भय का वातावरण बना हुआ है ।
ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि केंद्र सरकार ने कठोर कदम नहीं उठाए, तो ऐसी ही स्थिति अन्य राज्यों में भी उत्पन्न हो सकती है ।