पाकिस्तान को वर्ष १९७१ में हमारे विरुद्ध किए गए अत्याचारों के लिए क्षमा याचना करनी चाहिए ! – बांग्लादेश की मांग

संयुक्त पाकिस्तान कालखंड के, बांग्लादेश के हिस्से के ३,६०० सहस्त्र करोड रुपये भी मांगे ।

बांग्लादेश के मोहम्मद जाशिम उद्दीन और पाकिस्तान की आमना बलूच के बीच विदेश सचिव स्तर की बैठक

ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश ने पाकिस्तान से वर्ष १९७१ में उसके नागरिकों पर किए गए अत्याचारों के लिए क्षमा मांगने का आवाहन किया है । इसके साथ ही बांग्लादेश ने यह भी मांग की है कि ‘हमें हमारा हिस्सा दिया जाए ।’

१. १५ वर्षों के उपरांत १७ अप्रैल को बांग्लादेश तथा पाकिस्तान के बीच ढाका में विदेश सचिव स्तर की वार्ता हुई । इस समय बांग्लादेश ने कहा कि पाकिस्तान बांग्लादेश को वर्ष १९७१ की संयुक्त संपत्ति में से उसका हिस्सा (३६ सहस्त्र करोड रुपये) दे । इसके साथ ही १०७० में बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) को चक्रवात सहायता के लिए अनुमानित २,४०० करोड टका (बांग्लादेशी मुद्रा) भी देना होगा।

२. इस समय, बांग्लादेश ने ढाका के शिविरों में रह रहे ३००,००० से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का मुद्दा उठाया । बांग्लादेश में उन्हें ‘बिहारी’ कहा जाता है । वे मूल रूप से उर्दू भाषी मुस्लिम प्रवासी हैं जो १९४७ में भारत के विभाजन के उपरांत बिहार और उत्तर प्रदेश राज्यों से पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में बस गए थे । १९७१ में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के उपरांत इन लोगों ने पश्चिमी पाकिस्तान के प्रति निष्ठा दिखाई, जिसके कारण उन्हें बांग्लादेश में ‘पाकिस्तान समर्थक’ माना जाने लगा। उनकी संपत्ति छीन ली गई और उन्हें यातनाएं दी गईं । बांग्लादेश की स्वतंत्रता के उपरांत से ऐसे लाखों मुसलमान, शिविरों में रह रहे हैं तथा उन्हें पाकिस्तान ने भी स्वीकार नहीं किया है और न ही बांग्लादेश ने उन्हें पूर्ण नागरिकता दी है ।