Jadavpur University Students Protest : कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय की दीवारों पर ‘ आजाद कश्मीर ’ और ‘ स्वतंत्र फिलिस्तीन ’ के नारे लिखे गए ।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का विरोध प्रदर्शन !

कोलकाता (बंगाल) – यहां के जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों पर ‘ आजाद कश्मीर ‘ और ‘ फ्री फिलिस्तीन ‘ जैसे नारे लिखे गए हैं । ११ मार्च को लिखी गई ये घोषणाएं आज भी वैसी हैं । भाजपा के नेतृत्व वाले छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने अब इसका विरोध किया है । छात्रों ने इन तख्तियों पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज रख दिया और ‘ जहां शमा प्रसाद मुखर्जी शहीद हुए , वह कश्मीर हमारा है ‘, ‘ जय हिंद ‘ और ‘ भारत माता की जय ‘ जैसे नारे लगाए । इस अवसर पर संगठन ने विश्वविद्यालय परिसर में श्री राम नवमी मनाई । दिलचस्प बात यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी ।

१. छात्र और संगठन के कार्यकर्ता निखिल दास ने कहा कि हमें खुशी है कि आज विश्वविद्यालय परिसर में पूजा हो रही है । यह पहली बार है कि श्री रामनवमी पर यहां भगवान रामचंद्र की पूजा की जा रही है । राम मानवता के सर्वोत्तम प्रतीक हैं । हमने सभी को आमंत्रित किया है ।

२. निखिल दास ने आगे कहा कि इफ्तार की अनुमति विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दी जाती है ; लेकिन श्री राम नवमी के लिए नहीं । ‘ फ्री कश्मीर ’, ‘ फ्री मणिपुर ’ जैसे नारे लिखने की इजाजत है ; लेकिन पूजा-अर्चना की अनुमति नहीं दी गई है । यह गलत है । फिर भी हमने पूजा का आयोजन किया । विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक एवं गैर-शिक्षण कर्मचारी भी इसमें भाग ले रहे हैं । हम सब लोग मिलकर श्री राम नवमी मना रहे हैं और बहुत खुश हैं ।

३. प्रोफेसर बुद्धदेव एस. , गणित विभाग ; उन्होंने इस मुद्दे पर भी अपनी राय व्यक्त की । उन्होंने कहा, ” मुझे नहीं पता कि विश्वविद्यालय ने पूजा की अनुमति दी थी या नहीं । ” अगर उन्होंने इनकार कर दिया तो यह सही नहीं है । यहां भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है ; तो फिर श्री रामनवमी की पूजा क्यों नहीं की जाती ? अगर प्रशासन ने इनकार किया है तो इसके पीछे कोई कारण जरूर होगा । यदि विश्वविद्यालय की नीति यह है कि ‘ कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं किया जाएगा ‘, तो यह ठीक है ; लेकिन जब इफ्तार की इजाजत है तो श्री राम नवमी पर रोक लगाना गलत है । यह भेदभाव क्यों ?

विद्यार्थी सोमसूर्य बॅनर्जी

४. छात्र सोमसूर्या बनर्जी ने कहा, ” हमारा संदेश स्पष्ट है , ‘ आजाद कश्मीर ‘ जैसी कोई चीज नहीं है । ” यह एक मिथक है । जब तक देश में राष्ट्रवादी छात्र और लोग हैं , कश्मीर भारत से अलग नहीं होगा ।

संपादकीय भूमिका

  • विश्वविद्यालय प्रशासन ने श्री राम नवमी मनाने की अनुमति देने से किया इनकार ; लेकिन क्या यह इफ्तार की इजाजत देता है , और क्या यह विश्वविद्यालय की दीवारों पर देश विरोधी नारे लिखने की भी इजाजत देता है ? , यह सवाल अब उठता है !
  • जबकि दिल्ली में जेएनयू , उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय , कोलकाता में जादवपुर विश्वविद्यालय जैसे एक के बाद एक बड़े विश्वविद्यालयों में लगातार देशद्रोह को बढ़ावा दिया जा रहा है , ऐसे विश्वविद्यालयों को बंद करना तो दूर की बात है ; लेकिन ध्यान रखें कि उन्हें सरकारी सब्सिडी दी जाती है !