आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का निर्णय

अमरावती (आंध्रप्रदेश) – तिरुमला की सात पहाड़ियों के पास स्थित ‘मुमताज होटल’ के लिए पहले अनुमति दी गई थी। तथापि, अब सरकार ने ३५.३२ एकड़ भूमि पर बनने वाले इस प्रस्तावित होटल की मंजूरी रद्द करने का निर्णय लिया है, ऐसी जानकारी आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने दी। इस होटल के बढते विरोध के बाद यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नायडू ने यह भी कहा कि “तिरुमला की सात पहाड़ियों के पास कोई भी व्यावसायिक उपक्रम नहीं होना चाहिए।”
१. १२ फरवरी को साधु और पुजारियों ने ‘अलिपिरी श्रीवारी पाडालू’ इस पवित्र स्थल के पास इस होटल के निर्माण के विरोध में अनशन करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इस होटल के कारण तिरुमला क्षेत्र और श्री वेंकटेश्वर मंदिर की आध्यात्मिक पवित्रता का उल्लंघन होगा।
२. वर्ष २०२१ में जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली आंध्रप्रदेश सरकार ने ‘वर्ष २०२० से २०२५ की पर्यटन नीति’ के तहत एक सरकारी आदेश जारी किया था, जिससे यह विवाद शुरू हुआ। इस आदेश में विकासकों को प्रोत्साहन के साथ बड़े पैमाने पर पर्यटन परियोजनाएं प्रस्तावित की गई थीं। ओबेरॉय उद्योग समूह की सहायक संस्था ‘मुमताज होटल्स लिमिटेड’ को २५० करोड़ रुपये की प्रारंभिक निवेश के साथ १०० ‘लक्जरी विला’ (ऐश्वर्यशाली बंगले) वाले संकुल के निर्माण हेतु २० एकड़ भूमि दी गई थी।
तिरुमला मंदिर में केवल हिंदुओं को ही कार्य ! – मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडूमुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि तिरुमला मंदिर में केवल हिंदुओं को ही कार्य देना चाहिए। यदि वर्तमान में वहां अन्य धर्मों के लोग कार्यरत हैं, तो उनकी भावनाओं को आहत किए बिना उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा। |
संपादकीय भूमिकायह हिंदुओं के विरोध का ही परिणाम है ! इस सफलता के लिए हिंदुओं को ईश्वरचरणों में कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। साथ ही भविष्य में कोई भी सरकार मंदिरों की पवित्रता नष्ट करने वाला निर्णय न ले, इसके लिए दबाव बनाना चाहिए ! |