मुंबई में ध्वनिक्षेपक की आवाज नियमित रूप से तेज रखने वाली मस्जिदों को पुलिस का नोटिस !

मुंबई – पुलिस मुंबई की उन मस्जिदों को नोटिस भेज रही है जो अपने ध्वनिक्षेपक की आवाज को नियमित रूप से तेज रखते हैं। हाल ही में पुलिस ने घाटकोपर के चिरागनगर स्थित जामा मस्जिद में अजान के समय रखे भोंपुओं की आवाज की जांच की । इस बार ध्वनि ५५ डेसिबल से अधिक पाई गई । इसके बाद पुलिस ने जामा मस्जिद के ट्रस्टियों को आवाज की सीमा कम करने का नोटिस जारी किया है ।

जामा मस्जिद से दिन में ५ बार अजान के समय आवाज की सीमा को लेकर पुलिस से कई शिकायतें की गईं । ये शिकायतें कई वर्षों से मिल रही हैं, लेकिन कोई कार्यवाई नहीं की गई है । कुछ दिन पहले एक प्रकरण के समय मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार पुलिस ने यह कार्यवाई आरंभ की है । पुलिस ने चिरागनगर की जामा मस्जिद सहित मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों की मस्जिदों से भोंपू की आवाज़ की पुष्टि करना भी आरम्भ कर दिया है । ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम में प्रावधान है कि आवासीय क्षेत्रों में सुबह ६ बजे से रात १० बजे के बीच आवाज का स्तर ५५ डेसिबल से कम होना चाहिए । पुलिस द्वारा डेसीबल मीटर से आवाज की जांच के बाद ५५ डेसीबल से अधिक ध्वनि स्तर वाली मस्जिदों को नोटिस भेजे जा रहे है । पुलिस की इस कार्यवाही के बाद चिरागनगर के कुछ मुसलमानों ने आरोप लगाया है कि यह कार्यवाई जानबूझकर की जा रही है और यह भी कि चुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए यह कार्यवाही की जा रही है ।

…तो पाकिस्तान और बांग्लादेश को चले जाना चाहिए ! – नितेश राणे, मंत्री, मत्स्य व्यवसाय मंत्री

सभी को न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए । मस्जिदों में ध्वनिक्षेपक लगाने वालों को भी आवाज सीमा का पालन करना चाहिए । अगर वे नियमों का पालन नहीं करना चाहते, तो उन्हें पाकिस्तान अथवा बांग्लादेश जाना चाहिए, बंदरगाह विकास और मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने २ दिन पहले एक पत्रकार परिषद में कहा था । लाउडस्पीकर को लेकर न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न पर नितेश राणे ने उक्त उत्तर दिया ।

संपादकीय भूमिका 

पुलिस को यह सत्यापित करना चाहिए कि नोटिस का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं ! ऐसा न करने वाली मस्जिदों पर कार्यवाई होनी चाहिए !