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जलगांव – चोपड़ा पुलिस स्टेशन के कर्मचारी और अधिकारी मध्य प्रदेश की सीमा पर उमरती गांव के पास संदिग्ध आरोपी पप्पी सिंह को बंदी बनाने गए थे । उस समय उन पर १५० से अधिक ग्रामीणों ने हमला किया । जब ग्रामीणों ने हवा में गोलियां चलाईं तो पुलिस ने भी जवाब में हवा में गोलियां चलाईं । हमले में दो अधिकारी और कर्मचारी घायल हो गए तथा अपहृत पुलिस अधिकारी शशिकांत पारधी को छोड दिया गया है । उन्हें भीड ने अगवा कर लिया था । (यदि पुलिस का ही अपहरण हो रहा है, तो आम लोगों की सुरक्षा का दायित्व कौन लेगा ? – संपादक) उमरती गांव में अवैध रूप से देशी कट्टे ( बंदूक ) बनाए जाते हैं । पुलिस ने तथ्य की पुष्टि करने के लिए वहां नकली ग्राहक भेजे । पुलिस देशी कट्टा बनाने वाले अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाई करने गई थी । घटना में केस दायर करने की प्रक्रिया चल रही है और एक व्यक्ति को बंदी बनाया गया है ।
🚨 Shocking Incident in Jalgaon! 🚨
A massive mob of over 150 villagers attacked the police who went to arrest a suspect, leaving 2 officers and personnel injured.
The situation escalated to the point where the police had to fire in the air to control the crowd. 🚫
But what’s… pic.twitter.com/WHqDu2ETY5
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 16, 2025
अपहृत पुलिस अधिकारी द्वारा बताई गई घटना !
पुलिस अधिकारी शशिकांत पारधी ने कहा, “भीड़ मुझे दोपहिया वाहन पर जंगल में ले गई ।” “उन्होंने मुझे मेरे मोबाइल फोन पर यह कहने पर विवश किया कि ‘हमारे आदमी को छोड़ दो, हम तुम्हें बाद में छोड देंगे ।'” मैंने पुलिस से कहा, “आरोपी को मत छोड़ो, मेरी जान की चिंता मत करो ।” आरोपी ने बायीं ओर से मुझ पर गोली चलाकर मुझे डराने का प्रयास किया । उस समय मैंने उनसे कहा, “आप मुझे मार सकते हैं; लेकिन इसके पश्चात तुम्हें बुरे परिणाम भुगतने होंगे ।” मध्य प्रदेश पुलिस अवसर पर पहुंची और मुझे बचाया । मैं लगभग १-२ घंटे तक आरोपी के नियंत्रण में रहा । पप्पी सिंह के साथ १०० बच्चे काम करते हैं । इसकी यंत्रणा कई राज्यों में चल रही है । वह हथियार बेचता है ।
संपादकीय भूमिकायह स्पष्ट है कि पुलिस पर इतने बड़े स्तर पर आक्रमण होने का अर्थ यह है की अब पुलिस का भय नहीं रहा । क्या यह पुलिस प्रशासन के लिए लज्जाजनक नहीं है ? |