Ganesh Murti Visarjan : चूंकि पी.ओ.पी. मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध था, इसलिए मूर्तियों को बिना विसर्जन के ही वापस ले जाया गया !

मुंबई में माघी गणेशोत्सव के दौरान लिए गए निर्णय से श्रद्धालु नाराज !

मुंबई – बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों की बिक्री और विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया है । न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए नगर निगम प्रशासन ने गणेशोत्सव मंडलों और मंडपों को माघी गणेशोत्सव के दौरान प्राकृतिक जल निकायों में पीओपी गणेश मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी है। पश्चिमी उपनगरों में गोराई, बोरीवली और कांदिवली के कई गणेशोत्सव मंडल पीओपी गणेश मूर्तियों का विसर्जन नहीं कर पाए हैं। कांदिवली और उसके आसपास के कुछ समूहों ने सातवें दिन, ७ फरवरी को गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस निकाला था। विसर्जन स्थल पर कड़ी सुरक्षा और न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए मंडलों ने गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन किए बिना ही वापस मंडप में ले जाकर ढक दिया। चारकोपचा राजा सार्वजनिक गणेश मंडल सहित कुछ अन्य मंडलों की गणेश प्रतिमाओं को बिना विसर्जन के सीधे मंडल में वापस ले जाया गया। इसलिए श्रद्धालुओं में आक्रोश का माहौल है। मंडलों ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है कि मंडप में लाई गई गणेश मूर्तियों के साथ आगे क्या किया जाए।

उच्च न्यायालय ने मुंबई महानगरपालिका को प्रदूषण के कारण वर्ष २०२० में पीओपी मूर्तियों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया था। कुछ दिन पहले इस संबंध में एक याचिका पर न्यायालय ने एक बार फिर प्रतिबंध का सख्ती से अनुपालन कराने का आदेश दिया था।

संपादकीय भूमिका 

यह समझ से परे है कि न्यायालय ने ऐसा निर्णय दिया है और नगर निगम ने इसके विरुद्ध कार्यवाही की है, जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिपोर्ट दी है कि पीओपी से प्रदूषण नहीं होता है !