जनसंख्या के असंतुलन के कारण हिन्दुओं का अस्तित्व संकट में पडने के दिए संकेत
प्रयागराज, ७ फरवरी (संवाददाता) : वर्तमान समय में जनसंख्या के असंतुलन के कारण हिन्दुओं का अस्तित्व संकट में पड गया है । यह असंतुलन अनेक समस्याओं को जन्म देनेवाला सिद्ध हो रहा है । विलंब से विवाह करना तथा ‘करियर’ के (उज्ज्वल भविष्य की) भ्रामक कल्पना के कारण ही हिन्दू दंपति अल्प बच्चों को जन्म दे रहे हैं । इसके साथ ही देश में हिन्दुओं की घटती हुई जनसंख्या भी देश के सामने समस्या है । इसके उपाय के रूप में प्रत्येक हिन्दू दंपति २ से ३ बच्चों को जन्म दे, ऐसा आवाहन विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने किया । प्रयागराज के विश्व हिन्दू परिषद के कार्यालय में चल रहे ३ दिवसीय केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन हुई चर्चा के विषय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।
डॉ. जैन ने आगे कहा,
१. परिवार में यदि २ से ३ बच्चे हों, तो उससे बच्चों का अच्छा विकास होता है, यह वैज्ञानिकदृष्टि से सिद्ध हुआ है । हिन्दू युवकों को २५ वें वर्ष में विवाह करना उपयुक्त है ।
२. वर्तमान समय में संस्कारों के अभाव में हिन्दुओं की परिवारव्यवस्था संकट में पड गई है । पाश्चात्त्य भौतिकतावाद का बढता प्रभाव, शहरी नक्सलवाद, साथ ही मनोरंजन एवं विज्ञापनों आदि के माध्यम से युवकों को भ्रमित एवं संस्कारहीन बनाया जा रहा है, यह भी हिन्दुओं के लिए बडी समस्या है । इसके लिए हिन्दुओं को पुनः एकत्रित परिवारव्यवस्था की ओर मुडना चाहिए, इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद प्रयासरत है ।
३. वर्तमान समय में युवा वर्ग बडे स्तर पर नशा करने की ओर मुड रहा है । वर्तमान समय में १६ करोड लोग नशा की गर्त में फंसे हैं । इसलिए युवकों को नशा से दूर रहना चाहिए । केंद्र सरकार को भी मादक पदार्थाें की तस्करी करनेवाले माफियाओं पर कडी कार्यवाही करनी चाहिए ।
सभी लक्ष्य साध्य करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद प्रयास करेगा !उक्त सभी लक्ष्यों को साध्य करने हेतु विश्व हिन्दू परिषद के २५ सहस्र दल, २७ सहस्र सत्संग, ५२ सहस्र बजरंग दल की समितियां, २५ सह दुर्गा वाहिनी की समितियां तथा २५ सहस्र संस्कार केंद्रों के माध्यम से प्रयास करेगा, यह जानकारी भी डॉ. जैन ने इस समय दी । |