नई दिल्ली – पाकिस्तान समर्थित जिहादी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तोयबा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे । गाजा पट्टी के जिहादी आतंकवादी संगठन हमास के आतंकवादी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे । यह कार्यक्रम रावलकोट में आयोजित किया जाएगा । यहां हमास आतंकवादी नेताओं के पोस्टर लगाए गए हैं । यह कार्यक्रम ‘कश्मीर एकता और अल अक्सा बाढ़ सम्मेलन’ नाम से साबिर शहीद स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा । इस कार्यक्रम में हमास के प्रवक्ता खालिद कद्दौमी का भाषण भी होगा ।
१. भारत सरकार ने अभी तक हमास को आतंकवादी संगठन नहीं माना है । भारत ने लगातार फिलिस्तीन का समर्थन किया है । इजराइल ने बार-बार मांग की है कि भारत हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करे । २०२३ में, इजराइल ने २००८ के मुंबई आतंकवादी हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन घोषित किया ।
२. पिछले वर्ष अगस्त में हमास और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी सैफुल्लाह खालिद के बीच बैठक हुई थी । कतर की राजधानी दोहा में हुई इस बैठक के बाद भारत सतर्क हो गया । सैफुल्लाह खालिद को २०१८ में अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया था । उसे तालिबान के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है ।
३. गुप्तचर संस्थाओं के अनुसार पाकिस्तान इसके माध्यम से जम्मू-कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से उठाने का प्रयास कर रहा है । वह इस तथ्य को पुष्ट करना चाहता है कि फिलिस्तीन और कश्मीर समस्या का कारण एक ही है । दोनों स्थानों पर मुसलमानों को कथित तौर पर सताया जा रहा है । वह इस्लामिक देशों से इस प्रकरण पर एकजुट होने की अपील कर सकता है और दिखा सकता है कि ये दोनों स्थान एक ही प्रकार की समस्या से ग्रसित हैं ।
संपादकीय भूमिकाक्या भारत, जो फिलीस्तीन का समर्थन करता है, को इसे हमास का उपहार मानना चाहिए ? भारत को अब हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करके फिलिस्तीन के प्रति अपने समर्थन पर पुनर्विचार करना चाहिए ! |