भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल के कथित निर्माण का प्रकरण
( सम्मन का अर्थ न्यायालय या सरकार द्वारा संबंधित व्यक्ति को सूचना प्रदान करने के लिए बुलाना )
नई दिल्ली – बांग्लादेश द्वारा भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को सम्मन देकर बयान देने के लिए कहने के बाद, भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नरुल इस्लाम को सम्मन देकर बयान देने के लिए कहा है । बांग्लादेश ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल की कथित गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की थी ।
१. बांग्लादेश ने कहा है कि भारत सीमा पर पांच स्थानों पर सुरक्षा बाड़ लगाने का प्रयास कर रहा है । यह दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन है ।
२. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में बैठक के बाद भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने बताया कि बैठक में तस्करी और आपराधिक गतिविधियों पर चर्चा हुई । सीमा को अपराध मुक्त बनाने पर चर्चा हुई ।
३. बांग्लादेश ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर चपैनवाबगंज, नौगांव, लालमोनिरहाट और ३ बीघा कॉरिडोर पर सीमा सुरक्षा बल के काम पर आपत्ति जताई है ।
संपादकीय भूमिकाबांग्लादेश की ऐसी कार्रवाई भारत को उकसाने का प्रयास है । यदि भारत इसे गंभीरता से नहीं लेता है तो इसका विपरीत प्रभाव हो सकता है । इसलिए समय रहते बांग्लादेश को उसकी जगह दिखाना आवश्यक है ! |
India-Bangladesh Border Tension: Both countries summoned each other’s High Commissioners and questioned them!
The issue of alleged construction by the Border Security Force on the India-Bangladesh border
Such actions by Bangladesh are an attempt to provoke India.
If India… pic.twitter.com/dPkuPv6OcG
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 13, 2025
(और इनकी सुनिए … ) ‘ बांग्लादेश अपनी सीमा पर किसी को जगह नहीं देगा ! ’कुछ दिन पहले बांग्लादेश के गृह मंत्रालय की एक बैठक हुई थी । इस बैठक के पश्चात गृह मंत्रालय के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने कहा, “बांग्लादेश अपनी सीमाओं पर किसी को भी जगह नहीं देगाb।” इसमें कहा गया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर शून्य रेखा के १५० फीट के भीतर किसी भी सैन्य निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी । बांग्लादेश के विरोध के कारण भारत को तीन जिलों में पांच स्थानों पर सीमा कार्य रोकने पर विवाद होना पड़ा है । संपादकीय भूमिकाभारत की दयालुता से बना एक देश आज भारत को आंखें दिखा रहा है, क्या इसे भारत की विफलता कहा जाना चाहिए ? अब समय आ गया है कि भारत इस स्थिति को बदलने के लिए कठोर कदम उठाए ! |