यदि आप व्यायाम करने से ऊब गए हैं ? तो ये करें !
‘व्यायाम के संदर्भ में स्वयं का सामर्थ्य समझकर अपेक्षा रखें । यदि अपेक्षा अस्वाभाविक अथवा अत्यधिक होगी, तो उससे आप निराश हो सकते हैं एवं व्यायाम में नियमितता बनाए रखना कठिन हो सकता है ।
१. स्वयं की क्षमता केअनुसार व्यायाम आरंभ कर धीरे-धीरे व्यायाम का समय बढाने से व्यायाम करने में नियमितता आएगी !
मान लें, आपने प्रतिदिन १ घंटा व्यायाम करने का निश्चय किया है; परंतु वर्तमान में आपकी शारीरिक क्षमता अल्प है, तो १ घंटा व्यायाम करना आपके लिए बहुत कठिन हो जाएगा एवं दूसरे ही दिन आपके शरीर में दर्द अथवा थकान का भान होगा । इस कारण दूसरे दिन व्यायाम करने की आपकी इच्छा अल्प हो जाएगी । इसकी अपेक्षा प्रतिदिन २० मिनट व्यायाम करना आरंभ कर धीरे-धीरे समय बढाएं । इससे आपकी देह को व्यायाम की आदत होगी तथा व्यायाम करने में नियमितता रहेगी ।
२. ‘व्यायाम करने से स्वयं में परिवर्तन होने में देर लगती है’, इसका ध्यान रखें !
व्यायाम करना आरंभ करने पर अधिकांश लोगों को स्वयं में तुरंत परिवर्तन होने की अपेक्षा रहती है, उदा. अल्प समयावधि में अधिकांश मात्रा में वजन अल्प होना, देह का आकार सुंदर एवं सुडौल हो, आदि । ऐसी अस्वाभाविक अपेक्षा रखकर व्यायाम करते समय बहुत जोर लगाने पर वह अपायकारक हो सकता है, साथ ही अपेक्षा पूर्ण न होने से आप निराश भी हो सकते हैं । इस कारण व्यायाम करने का उत्साह मंद पड जाता है ।
प्रतिदिन होनेवाली शारीरिक हलचल के कारण यदि थकान आए, तो देह स्वयं ही स्वयं को पूर्व स्थिति में लाने का प्रयास करती रहती है । इस कारण कुछ दिन व्यायाम करने से, देह में तुरंत बदलाव नहीं होते । ‘वजन कम करना, देह को आकार देना (सुडौल बनाना), साथ ही शारीरिक क्षमता में अत्यधिक सुधार प्रतीत होना’, इन सबमें समय लगता है; परंतु वह ‘असंभव भी नहीं’ यह ध्यान में रखें !
स्वयं की सीमा के परे जाकर व्यायाम करने की अपेक्षा ‘व्यायाम में निरंतरता बनाए रखना तथा चरण-दर-चरण व्यायाम का समय एवं जोर लगाते रहना’, प्रगति की दृष्टि से अधिक महत्त्वपूर्ण है । ऐसा करने से आरंभ में ही निराश होने की अपेक्षा उत्साहित रहकर व्यायाम पूर्ण करने का आनंद ले सकते हैं एवं यही सबसे महत्त्वपूर्ण होता है ।’
– श्रीमती अक्षता रूपेश रेडकर, भौतिकोपचार विशेषज्ञ (फीजियोथेरपिस्ट), फोंडा, गोवा. (११.८.२०२४)
‘निरोगी जीवन हेतु व्यायाम’ इस मालिका में प्रकाशित होनेवाले सभी लेख पढने हेतु आगे दिया गया ‘क्यू.आर. कोड’ स्कैन करें ! |