BNPs Gayeshwar Chandra Roy : (और इनकी सुनिए …) ‘भारत को हमारे काम में हस्तक्षेप देना बंद कर देना चाहिए !’ – गयेश्वर चंद्र रॉय

बांग्लादेश में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता गयेश्वर चंद्र रॉय का भारत विरोधी  वक्तव्य !

बी.एन.पी. संस्थापक जियाउर्रहमान की कब्र पर श्रद्धांजलि देते हुए गयेश्वर चंद्र रॉय

ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश है और यहां के लोग इतने बुद्धिमान हैं कि उन्हें पता है कि कौन क्या करने में सक्षम है। इसके लिए उन्हें बाहरी परामर्श  लेने की  आवश्यकता नहीं है। (यदि वे इतने सक्षम हैं, तो १९७१ के स्वतंत्रता संग्राम के समय उन्हें भारत और भारतीय सेना की आवश्यकता क्यों थी? उन्होंने पाकिस्तान सेना से हाथ मिलाकर बांग्लादेश को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग क्यों नहीं किया? – संपादक)  आवश्यकता होने पर हम विदेशों से परामर्शदाता ला सकते हैं।  किसी भी स्वतंत्र देश के लोगों को उसके आंतरिक विषयों में  किसी अन्य देश का हस्तक्षेप नहीं भाता , बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बी.एन.पी.) के नेता गयेश्वर चंद्र रॉय ने भारत की आलोचना की। वह बी.एन.पी. संस्थापक जियाउर्रहमान की कब्र पर श्रद्धांजलि देने गए थे। वहां उनसे पत्रकारों ने भारत के साथ बांग्लादेश के संबंधों के बारे में जब प्रश्न पूछा तब उसके उत्तर में उन्होंने भारत पर, बांग्लादेश के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।

गयेश्वर चंद्र राय ने आगे कहा कि,

१.  गत कुछ  वर्षों से  हमने भारत का वर्चस्व देखा है। उदाहरण के लिए, बांग्लादेश में किसी बैंक के प्रबंध निदेशक की नियुक्ति भारत सरकार की हरी झंडी के बिना नहीं की जा सकती। देश का मुख्य न्यायाधीश कौन होगा, सांसद या मंत्री कौन होगा जैसे  अनेक निर्णयों में भारत का प्रभाव रहता है।

२. भारत हमारा पडोसी है और यदि हमारी  मित्रता साझा हितों और सम्मान पर आधारित होगी तो यह दोनों देशों के लिए  लाभप्रद होगा और भविष्य सकारात्मक होगा।’

३. द्विपक्षीय संबंध एक देश से दूसरे देश के बीच होने चाहिए न कि व्यक्तिगत या राजनीतिक दल  आधारित। यदि भारत को इस तथ्य का आत्मानुभव हो गया तो वह निस्संदेह बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को सशक्त बनाने के लिए सही दृष्टिकोण अपनाएगा।

संपादकीय भूमिका 

  • भारत को क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए, यह कहने के जगह गयेश्वर चंद्र रॉय को पहले अपने देश में कट्टर मुसलमानों द्वारा हिंदुओं के नरसंहार को रोकने के संबंध में बात करनी चाहिए और इसके लिए सक्रिय प्रयास करना चाहिए !
  • गयेश्वर  चंद्र  रॉय  के वक्तव्य से  ज्ञात होता है कि उन्होंने वैचारिक खतना कर लिया है या उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य किया गया है !