अमेरिका के न्याय विभाग ने लगाया आरोप
(‘रॉ’ अर्थात भारत की ‘रिसर्च एंड एनालिसीस विंग’, नामक गुप्तचर संस्था)
न्यूयॉर्क (अमेरिका) – खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या का षड्यंत्र रचने के प्रकरण में अमेरिका के गुप्तचर तंत्र एफ.बी.आइ. (फेडरल ब्युरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने न्यूयॉर्क के न्यायालय में आरोपपत्र प्रविष्ट किया है । उसमें भारत की गुप्तचर संस्था ‘रॉ’ के विकास यादव नामक भूतपूर्व अधिकारी पर हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है । यादव ने भारत के कैबिनेट सचिवालय में काम किया है, जिसमें भारत की विदेशी गुप्तचर सेवा, अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ) है । उनपर हत्या का षड्यंत्र एवं आर्थिक गैरव्यवहार करने का आरोप है । अभीतक वे फरार हैं । उनके सहयोगी निखिल गुप्ता को पिछले वर्ष यूरोप के जेकोस्लोवाकिया देश में बंदी बनाया गया था एवं प्रत्यार्पण के उपरांत वह अमेरिका के कारागृह में है । भारत ने इससे पहले भी अमेरिका ने लगाए इस विषय के आरोप अस्वीकार किए हैं ।
"An Indian RAW officer plotted Pannun's murder in the US!" – Accusation by the US Department of Justice
The US has dismissed Canada's accusation that Vikas Yadav was involved in Nijjar's murder.
Despite having no evidence, Canadian PM #JustinTrudeau accused India of being… pic.twitter.com/Aan3kurXOU
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 18, 2024
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१. एफ.बी.आइ. ने आरोपपत्र में कहा है, ‘विकास ने निखिल गुप्ता को इस षड्यंत्र में समाहित किया तथा सूचनाएं दी, जिसमें उसके पास पन्नू के संदर्भ में संपूर्ण जानकारी थी । इसमें पन्नू का पता, भ्रमणदूर-भाष क्रमांक एवं दैनंदिन कामकाज समाहित थे ।’
तदनंतर गुप्ता ने पन्नू की हत्या करने हेतु एक अपराधी से संपर्क बनाया, जिसे वह मानता था कि वह सुपारी लेकर हत्या कर सकता है । तथापि वह प्रत्यक्ष में अमेरिका के ‘ड्रग एन्फोर्समेंट डमिनिस्ट्रेशन’ विभाग का गुप्त हस्तक (एजेंट) था । इस हत्या हेतु यादव ने १ लाख डॉलर (अनुमानतः ८३ लाख रुपए) देने की योजना बनाई थी ।
१. अमेरिका के एटर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने कहा, ‘न्याय विभाग अमेरिकी लोगों को लक्ष्य (टार्गेट) करने का, संकट में डालने का एवं प्रत्येक अमेरिकी नागरिक के अधिकारों को कम करने का प्रयास सह नहीं सकता ।’
२. ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ के संचालक क्रिस्टोफर रे ने कहा, ‘आरोपी भारत सरकार का कर्मचारी है । उसने एक अपराधी सहकारी के साथ षड्यंत्र रचा तथा अमेरिकी भूमि पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने का प्रयास किया ।’
३. अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों के उपरांत भारत ने इस प्रकरण की जांच करने हेतु समिति गठित की थी । तब अमेरिका ने संतुष्टि भी व्यक्त की थी ।
विकास यादव का निज्जर की हत्या से जुडने का कनाडा का आरोप अमेरिका ने ही अस्वीकार कर दिया ।
पन्नू की हत्या के षड्यंत्र में भारत का नाम उजागर होने पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने दावा किया था, ‘निज्जर की हत्या में विकास यादव का भी हाथ था’, परंतु अमेरिका ने उसे अस्वीकार कर दिया है । अमेरिका के विदेश मंत्रालय का कहना है, ‘विकास का कनाडा के निज्जर की हत्या से संबंध नहीं है ।’
संपादकीय भूमिकाबिना किसी प्रमाण के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के उपरांत, अब उन्होंने बिना प्रमाण के आरोप लगाने की निर्लज्ज स्वीकृति दी है । ऐसा अमेरिका का भी होगा । अमेरिका को भी यही कहना पडेगा ! |