अस्पताल में डॉक्टरों पर मारपीट का मामला
कोलकाता (बंगाल) – हमारी सुरक्षा की मांगों को पूरा करने के बारे में ममता बनर्जी सरकार का दृष्टिकोण सकारात्मक नहीं दिख रहा है। आज ५२वां दिन है, हमारे ऊपर अब भी हमले हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए आश्वासन पूरे करने के लिए कोई भी प्रयास होता नहीं दिख रहा है। आज से काम पूरी तरह बंद करने के सिवाय हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। जब तक राज्य सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होती, तब तक काम बंद रहेगा, ऐसा कहते हुए यहां के कनिष्ठ डॉक्टर फिर से हड़ताल पर चले गए हैं। ‘हमें पूरी सुरक्षा दी जाए’, यह डॉक्टरों की मांग है। २ अक्टूबर को कनिष्ठ डॉक्टर कोलकाता में एक मोर्चा भी निकालेंगे। इससे पहले १० अगस्त से कनिष्ठ डॉक्टरों ने ४२ दिन की हड़ताल की थी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, तब उन्होंने २१ सितंबर को हड़ताल वापस ली थी। राधा गोबिंदकर अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के कारण डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया था।
२७ सितंबर को एक मरीज की मृत्यु के बाद, कोलकाता के सागर दत्ता अस्पताल में ३ डॉक्टरों और ३ नर्सों के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। इस घटना से कनिष्ठ डॉक्टर नाराज हो गए और उन्होंने अस्पताल में प्रदर्शन किया। इस मामले में ४ आंदोलनकारी डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। ‘अस्पतालों में सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि हम बिना डरे काम कर सकें’, यह डॉक्टरों की मांग है।
संपादकीय भूमिकाडॉक्टरों को हड़ताल पर जाना पड़ता है, यह देश की सभी पार्टियों की सरकारों के लिए शर्मनाक है! डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं कर पाने वाली सरकार और पुलिस का क्या काम? |