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तेहरान (ईरान) – इस्लाम के दुश्मन कई बार हमें एक इस्लामी राष्ट्र के रूप में मान्यता देने में अनिच्छुक रहे हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने आरोप लगाया कि अगर हम म्यानमार, गाजा , भारत या दुनिया के अन्य देशों में मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों से अनभिज्ञ हैं, तो हम स्वयं को मुसलमान नहीं कह सकते। खामेनी के आरोप का भारत ने जवाब दिया है । ‘ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा निर्मित वक्तव्य अमान्य है और हम उनके वक्तव्य का निषेध करते हैं’, इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैस्वाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ”हम भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता के वक्तव्य का निषेध करते हैं । उनका यह वक्तव्य गलत जानकारी पर आधारित है । हम उनके वक्तव्य को स्वीकार नहीं करते । भारत में अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को पहले स्वयं को देखना चाहिए, फिर दूसरों पर टिप्पणी करनी चाहिए।
खामेनी आप अपने ही लोगों के हत्यारे और उत्पीड़क हैं ! – इजराइल
भारत में इजराइल के नए राजदूत रेउवेन अझर जी ने खामेनी को ‘एक्स’ पर टैग करते हुए लिखा, ‘खामेनी, आप अपने ही लोगों के हत्यारे और उत्पीडक हैं। इज़राइल, भारत और लोकतांत्रिक देशों में मुसलमानों को ईरान में समान स्वतंत्रता प्राप्त नहीं है। मुझे उम्मीद है कि ईरान के लोग जल्द ही आज़ाद होंगे ।
इससे पहले अयातुल्ला अली खामेनी जी ने भारत के खिलाफ दिए हुए बयान
१. मार्च २०२० में दिल्ली में हुए दंगों के दौरान ‘भारत में मुसलमानों का नरसंहार हुआ है । दुनिया भर के मुसलमान इस समय दुख में डूबे हुए हैं ।भारत सरकार को कट्टर हिंदुओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।’ खामेनी जी ने कहा था कि सरकार को मुसलमानों का नरसंहार रोकना होगा, नहीं तो इस्लामिक दुनिया भारत छोड़ देगी ।
२. २०१७ में खामेनी जी ने कश्मीर की तुलना गाजा और येमेन से की थी ।
३. अनुच्छेद ३७० हटने के बाद ‘हम कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं । भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं । ऐसे में हमें उम्मीद है कि भारत कश्मीर में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएगा । “
संपादकीय भूमिका
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