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कोलकाता – राधा गोबिंद कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ३२वें दिन भी जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने १० सितंबर को डॉक्टरों को बैठक के लिए बुलाया था । इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आईं । उन्होंने डॉक्टर विद्यार्थियों के लिए डेढ घंटे तक इंतजार किया; लेकिन जब वे नहीं आये तो ममता बनर्जी चली गयीं ।
बैठक में आने से इनकार करने का कारण बताते हुए डॉक्टरों ने कहा कि जिनसे हम इस्तीफा मांग रहे हैं (स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव) वे हमें बैठक में बुला रहे हैं । यह हमारे आंदोलन का अपमान है ।
Bengal Junior Doctors continue Strike: Protesting Handling of Rape & Murder Case
– Doctors boycott meeting with CM Mamata Banerjee
– Public outrage over case handling
– Demands for President’s Rule in Bengal grow#RGKarProtest #KolkataDoctorDeathCasepic.twitter.com/9Z4oiFbF9C
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 11, 2024
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी डॉक्टरों का आंदोलन जारी !
सुप्रीम कोर्ट के १० सितंबर को काम पर लौटने के निर्देश के बावजूद डॉक्टरों ने अपना आंदोलन जारी रखा । उन्होंने आरोग्य भवन तक मार्च कर विरोध जताया। इस बार सभी डॉक्टर रात भर चले। इस बार पीड़िता के माता-पिता भी शामिल हुए । पीड़िता की मां ने कहा कि मेरे हजारों बच्चे सड़कों पर हैं । इसलिए मैं घर पर नहीं रह सकी ।
हत्या के मामले में मंत्रियों को न बोलने की चेतावनी !
सूत्रों के मुताबिक, राज्य कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा किसी को भी कोलकाता में हुए रेप और हत्या मामले पर टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया गया है ।
संपादकीय भूमिकाएक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार के मामले में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लापरवाही से जनता में आक्रोश फैल गया है। केंद्र सरकार को ममता बनर्जी के अन्यायपूर्ण शासन को समाप्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए ! |