भोपाल – मध्य प्रदेश के एक कनिष्ठ न्यायालय ने बलात्कार और हत्या पीडित एक ४ वर्ष की लडकी का छायाचित्र और नाम प्रकाशित किए जाने के प्रकरण में ‘राजस्थान पत्रिका’ के प्रकाशक, संपादक और पत्रकार को दोषी ठहराया है । न्यायालय ने चारों आरोपियों प्रकाशक रूपराम, २ संपादक अमित और जिनेश और पत्रकार कृष्णपाल को १ वर्ष के कारावास का दंड और २२ सहस्र रुपए जुर्माना लगाया है । आरोपियों का कृत्य लैंगिक अपराधों से बालकों की सुरक्षा अधिनियम (पोक्सो कानून), २०१२ की धारा २३ और भारतीय दंड संहिता की धारा २२८ (अ) इन धाराओं का उल्लंघन करता है, ऐसा कनिष्ठ न्यायालय ने निर्णय में कहा है । इसके अतिरिक्त, बाल न्याय (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) कानून की धारा ७४ देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता होने वाले किसी भी बच्चे का नाम अथवा व्यक्तिगत जानकारी प्रकाशित करना प्रतिबंधित करता है ।
१. विशेष न्यायाधीश रश्मि वॉल्टर ने २६ अगस्त के उनके निर्णय में कहा है कि आरोपी पत्रकार और प्रकाशक ने उनके ९ अप्रैल २०१९ के दिन ‘राजस्थान पत्रिका’ समाचारपत्र में पीडिता का नाम और छायाचित्र प्रकाशित कर इन कानूनों का उल्लंघन किया, यह सिद्ध करने में फरियादी पक्ष सफल हुआ है ।
२. समाचारपत्र के प्रकाशक और पत्रकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं ने न्यायालय में बहस करते समय बताया कि अवयस्क पीडिता का छायाचित्र, नाम और उसके साथ ही समाचारपत्र प्रकाशित करना यह केवल छोटे बच्चों और महिलाओं पर लैंगिक अपराधों के विषय में जागरुकता निर्माण करने के उद्देश्य से था । कानून का उल्लंघन करने का कोई भी उद्देश्य नहीं था । आरोपियों मे से किसी पर भी इसके पूर्व कोई भी अपराध प्रविष्ट नहीं है, ऐसा तर्क देते समय अधिवक्ताओं ने हल्का दंड देने की विनती की ।
३. किसी स्वयंसेवी संस्था की विनती पर समाचार प्रकाशित किया गया था । ‘आईपीसी’ की धारा २२८ (अ) किसी मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से विनती करने पर पीडित व्यक्ति की पहचान उजागर करने की अनुमति देती है, इस तर्क को न्यायालय ने नकार दिया ।