मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दी विधानसभा में जानकारी
गुवाहाटी (असम) – असम में लगभग ४८ सहस्र घुसपैठियों की पहचान पाई गई है और उन में से ५६ प्रतिशत घुसपैठिए मुसलमान हैं, ऐसी जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने घुसपैठियों के प्रश्नों का उत्तर देते समय दी । उन्होंने कहा कि वर्ष १९७१ से लेकर २०१४ तक के ४३ वर्षों में राज्य में ४७ सहस्र ९२८ बांगला देशी घुस गए हैं । शासन के विदेशी पंचों ने इन सभी को ‘विदेशी’ घोषित किया है । इन में से ५६ प्रतिशत अर्थात २७ सहस्र ३०९ मुसलमान हैं, तो २० सहस्र ६१३ हिन्दू हैं ।
Among 47,928 Bangladeshis who infiltrated Assam in 43 years, 56% are Mu$|!ms. – Information shared by CM Himanta Biswa Sarma in the Assembly
It is not Hindus but Mu$|!ms who attempt to infiltrate India! – CM
According to the former Chief of the CBI, Joginder Singh, “A… pic.twitter.com/kU6SLQmyTN
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 25, 2024
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि,
१. मुसलमान घुसपैठियों में से सर्वाधिक ४ सहस्र १८२ घुसपैठ अकेले जोरहाट जिले में हैं, तो गुवाहाटी शहर में ३ सहस्र ८९७ मुसलमान घुसपैठियों को पहचाना गया है ।
२. दिब्रुगढ २ सहस्र ७८२, तो होजई, शिवसनगर, नागाव और कछार में प्रत्येकी २ सहस्रों से अधिक मुसलमान घुसपैठ रह रहे हैं ।
३. बांग्ला देश से आनेवाले हिन्दुओं की सर्वाधिक संख्या कचर, गुवाहाटी और लखीमपूर जिलों में है ।
४. वर्ष १९७१ में भारत में आए घुसपैठियों की पहचान कराने का कारण है, ‘वर्ष १९८५ में हुआ असम समझौता ।’ इस समझौते के अनुसार वर्ष १९७१ में राज्य में अवैधरुप से घुसे लोगों को घुसपैठ माना जाएगा ।
५. राज्य के ७२ प्रतिशत लोग असमियां में बोलते हैं, तो २८ प्रतिशत बंगाली बोलते हैं ।
हिन्दू नहीं, अपितु मुसलमान भारत में घुसने का प्रयास करते हैं ! – मुख्यमंत्री सरमा
मुख्यमंत्री सरमा ने आगे कहा कि बांगला देश में हुए सत्ता परिवर्तन के उपरांत वहां के हिन्दू लड रहे हैं और मुसलमान भागकर भारत में घुसपैठ कर रहे हैं । पीछले मात्र एक महीने में ३५ बांग्ला देशी मुसलमान घुसपैठियों को बंदी बनाया गया है । इस कालखंड में बांग्ला देश से एक भी हिन्दू भारत में नहीं आया है । हाल ही में असम के करीमगंज में दोनों को बंदी बनाकर वापस लौटाया गया है । वहां का हिन्दू समुदाय भारत में घुसने का प्रयत्न नहीं करता, अपितु मुसलमान घुसने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं । (मुसलमानों को सर्वत्र ‘दारुल इस्लाम’ (इस्लामी राज्य) स्थापित करना है, इसीलिए कितने भी निर्धन हो, वे ‘दारुल हरब’ (इस्लामेतर प्रांत) के स्थान पर जाते हैं, इस वास्तव को समझ लें ! – संपादक)
उन्होंने आगे कहा कि बांग्ला देशी मुसलमानों को असम के मार्ग से बंगलुरु और तमिलनाडु के कोयंबतुर में जाना है । मासूम खान और सोनिया अख्तर इन दो बांग्ला देशियों को भी इन दो शहरों में वस्त्र व्यवसाय करने के लिए जाना था । मासूम बांग्ला देश के मॉडलगंज पुलिस थाने के परिसर में रहता है, तो सोनिया ढाका में रहती है । इन दोनों को असम पुलिस ने बंदी बनाया है ।
संपादकीय भूमिका
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