(मौलाना अर्थात इस्लाम के अध्ययनकर्ता)
ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के पीछे बांग्लादेश सरकार के साथ ही धर्मांध मौलानाओं का भी हाथ है । ये मौलाना अपने भाषण में हिन्दुओं के विरुद्ध द्वेष फैला रहे हैं । वे कहे रहे है कि बांग्लादेश केवल ‘मुस्लिमों का राष्ट्र’ है तथा भारत को नियंत्रित करने का स्वप्न संजो रहे हैं ।
(और इनकी सुनिए…) ‘देहली के लाल किले पर इस्लामी ध्वज फहराएंगे !’
मौलाना हसन जमील यह एक कट्टर हिन्दू विरोधी इस्लामी धर्मगुरु है; जो भारत के विरुद्ध विषैला वक्तव्य कर रहा है । मौलाना हसन जमील का भारत के विरुद्ध युद्ध पुकारने एवं लाल किले पर इस्लामी ध्वज फहराने का सपना है । बांग्लादेश के हिन्दू मंदिरों पर आक्रमण करने की धमकी भी उसने दी है । हसन जमील कहता है, ‘तुम मत घबराना । अल्लाह ने कहा है कि तुम्हारे शत्रु नष्ट होंगे । हमारा इस पर विश्वास है । भारत एवं इजराइल का विनाश निश्चित है । हमें शस्त्रों की आवश्यकता नहीं है । हम अल्लाह की शपथ ले रहे हैं । हम सदैव सपना देखते हैं कि एक दिन हम देहली के लाल किले पर इस्लामी ध्वज फहराएंगे । मुस्लिम किसी के परमाणु हथियार पर विश्वास नहीं रखता, अपितु वह केवल अल्लाह पर विश्वास रखता है । हम लडेंगे एवं भारत जित जाएंगे ।’
Violence against Hindus in Bangladesh is being driven not only by the Bangladeshi Government but also by extremist Maulanas are who promoting hatred against Hindus in their speeches.
We will hoist the I$l@mic flag on the Red Fort in Delhi! – Maulana Hasan Jameel
After the… pic.twitter.com/2mX3x9S61A
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 20, 2024
वर्ष २०४० के उपरांत बांग्लादेश में मुस्लिमों के अतिरिक्त कोई (जीवित) नहीं रहेगा !
हसन जमील हिन्दू विरुद्ध विषैले बोल बोलनेवाला अकेला नहीं है । मौलाना नूर हसन भी बांग्लादेश से हिन्दुओं को नष्ट करने की भाषा बोल रहा है । बांग्लादेश में मुस्लिमों के अतिरिक्त किसी को रहने नहीं दिया जाएगा, ऐसी योजना है । नूर हसन ने कहा, ‘वर्ष २०४० के उपरांत बांग्लादेश में इस्लाम के अतिरिक्त कोई नहीं रहेगा । तुम धर्मपरिवर्तन कर लो । यदि अल्लाह की इच्छा होगी, तो बांग्लादेश पूर्णरूप से इस्लामी देश होगा ।’
(और इनकी सुनिए…) ‘मुस्लिमों के त्योहार में हिन्दू सहभागी नहीं होते, तो तुम लोग दुर्गापूजा के लिए क्यों जा रहे हो ?’
मौलाना जुनैद अल हबीब ने कहा है, ‘आजतक एक भी हिन्दू मुस्लिमों के त्योहार के दिन दिखाई नहीं दिया है । एक भी हिन्दू ने तुम्हारे साथ कभी ‘रोजा’ नहीं रखा है । ईद के नमाजपठन को कभी कोई हिन्दू नहीं गया है । तुम्हारे साथ जुम्मे की प्रार्थना हेतु कभी भी हिन्दू नहीं आया है; क्योंकि ‘ये सभी मुस्लिमों का है’, ऐसा हिन्दू मानते हैं; परंतु मुसलमान होकर भी तुम लोग हिन्दुओं की दुर्गापूजा के लिए क्यों जाते हो ?, क्या तुम बेशर्म बन चूके हो ? हमने भारत के लाल किले का निर्माण किया है । भारत की स्वतंत्रता के लिए हमने अपना खून बहाया है । भारत देश हमारा है । तुम लोग देशभक्ति की घोषणाएं कर रहे हो । मंत्री ने हमारी आवाज नहीं सुनी । सत्ता में परिवर्तन होने में समय नहीं लगेगा ।’
संपादकीय भूमिकायदि बांग्लादेश के मौलाना ऐसे होंगे, तो क्या भारत के मौलाना पीछे रह जाएंगे ? वे मस्जिदों से मुस्लिमों को क्या सीखा रहे हैं ?, क्या इस ओर हिन्दुओं का ध्यान हैं ? |