नई देहली – बिहार विधानसभा ने वर्ष २०२३ में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक दृष्टि से पिछड़ों के लिए आरक्षण की सीमा ५० प्रतिशत से बढ़ाकर ६५ प्रतिशत करनेवाला विधेयक पारित किया था, जिस पर पटना उच्च न्यायालय ने २० जून को रोक लगा दी थी । तब इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी । इसपर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई कर ६५% आरक्षण पर लगी रोक को हटाने से नकार दिया है ।