British Hindus Manifesto : हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों को सुरक्षा और विद्यालयों में धर्मशिक्षा दें !

  • ब्रिटेन के सार्वत्रिक चुनाव

  • ब्रिटेन में हिन्दुओंने प्रसारित किया मांग-पत्र !

लंदन (ब्रिटेन) – ब्रिटेन में आनेवाले ३ जुलाई को सार्वत्रिक चुनाव होनेवाले हैं । इस संदर्भ में यहां के हिन्दू संगठनों ने उनकी मांग का एक मांग-पत्र प्रकाशित किया है । ‘द हिन्दू मॅनिफेस्टो यूके २०२४’ ऐसा इसका नाम है । इसमें ७ प्रमुख मांगे की गई हैं । अनेक हिन्दू संगठनों ने मिलकर यह मांग-पत्र बनाया है । हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों को सुरक्षा और विद्यालयों में धर्मशिक्षा देना प्रारंभ करनेकी मांग की गई है ।

हिन्दुओं की अन्य ५ मांगे

१. हिन्दुविरोधी अपराध और आक्रमणों को द्वेषपूर्ण अपराधों की (‘हेट क्राईम’ की) श्रेणी दी जाए ।

२. हिन्दुओं को समान प्रतिनिधित्व और अवसर दिया जाए ।

३. स्थलांतरण, स्वास्थ्य की देखभाल और सामाजिक देखभाल उचित ढंग से की जाए ।

४. धार्मिक मूल्यों को मान्यता दी जाए ।

५. धार्मिक मूल्यों को सुरक्षा दी जाए ।

इन मांगों का अनेक उम्मीदवारों ने समर्थन करने का आश्वासन दिया है । हिन्दू संगठनों ने अपने प्रतिवेदन में कहा कि इससे ब्रिटेन के हिन्दू समुदाय की एकता की आवाज सामने आ रही है ।

ब्रिटेन में हिन्दू धर्म  चौथे स्थान पर !

वर्ष २०२१ की ब्रिटेन की कुल जनसंख्या में से ४६.२ प्रतिशत ईसाई, ६.५ प्रतिशत मुसलमान, १.७ प्रतिशत हिन्दू और ०.९ प्रतिशत सिक्ख हैं । ३७ प्रतिशत लोग किसी भी धर्म से जुडे नहीं हैं । हिन्दुओं की कुल जनसंख्या २० लाख से अधिक है ।

कुछ समय पहले हिन्दुओं के ४ मंदिरों पर आक्रमण !  

इस मांग-पत्र में कहा है कि ब्रिटेन में हिन्दुओं के मंदिरों पर होनेवाले आक्रमण बढ गए हैं । उनकी सुरक्षा आवश्यक है । सितंबर २०२२ में लिस्टर शहर में धर्मांध मुसलमानों ने हिन्दू मंदिर पर आक्रमण कर उसकी तोडफोड की थी । मंदिर पर लगाया ध्वज भी जलाया था । इस वर्ष बर्मिंघम के स्मेथविक में मंदिर पर आक्रमण किया गया । साथही स्विंडोन में भी तोडफोड का मामला सामने आया । जनवरी २०२४ में वेंबली में मंदिर में तोडफोड कर मूर्ति को हानि पहुंचाई गई ।

मुसलमानों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए ९७७ करोड रुपयों का प्रावधान !

हिन्दुओं के मंदिर असुरक्षित होते हुए भी ब्रिटेन में आनेवाले ४ वर्षों में मुसलमानों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए ९७७  करोड रुपयों का आर्थिक प्रावधान किया गया है । (ब्रिटेन में हिन्दू प्रधानमंत्री होने का हिन्दुओं के लिए कोई लाभ नहीं, यह हिन्दू समझ लें ! हिन्दू कितने भी उच्च स्थान पर हो, हिन्दू बांधव और हिन्दू धर्म के संदर्भ में सदैव धर्मघातकी धर्मनिरपेक्ष बन जाता है, यह बात हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक ! – संपादक)

ब्रिटीश विद्यालयों में इसके पहले हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देने की मांग अस्वीकार की गई थी !

ब्रिटेन में ‘कमिशन ऑन रिलिजियस एज्युकेशन’ ने वर्ष २०१३ में विद्यालयों में हिन्दुओं को धार्मिक शिक्षा देने के लिए अध्यापक तथा संसाधन न होने का कारण देते हुए यह मांग अस्वीकार की गई थी । ब्रिटेन के ९३ प्रतिशत हिन्दुओं के कहनेनुसार ब्रिटीश विद्यालयों में उनके बच्चों को पर्याप्त मात्रा में धर्मशिक्षा नहीं मिलती ।

ब्रिटेन में भारतीय भाषा संस्कृत, हिन्दी, तमिल, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, कन्नड, तेलुगु और मराठी के शिक्षासंस्थान पर्याप्त मात्रा में नहीं है, ऐसा सूत्र उपस्थित किया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • भारत के हिन्दू संगठन कभी चुनाव में ऐसा मांग-पत्र नहीं देते । ऐसा मांग-पत्र ब्रिटेन के हिन्दुओं ने देना प्रशंसनीय है !
  • भारत के हिन्दू संगठनों को ब्रिटेन के हिन्दू संगठनों से आदर्श लेना चाहिए और ये मांगे स्वीकार करनेवाली पार्टी एवं उम्मीदवारों का मत देने चाहिए, तो ही हिन्दुओंका दबाव गुट निर्माण होगा !