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रायगढ, ७ जून (समाचार) – रायगढ, जो छत्रपति श्री शिवराय की समाधि, हिंदू स्वराज्य की राजधानी और संपूर्ण भारत की शक्ति का केंद्र है, में पिछले कुछ वर्षों से पीने के पानी, स्वच्छता, आश्रय और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। देश में अन्य विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं; लेकिन शिवराय के गढ़ों को दुर्लक्षित किया जा रहा है। इसलिए ६ जून से आलंदी (जिला पुणे) के युवा कीर्तनकार और सुप्रसिद्ध व्याख्याता ह.भ.प.आकाश महाराज भोंडवे ने मांग की है कि सरकार रायगढ आने वाले शिव प्रेमियों और मावले को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करे, इसलिये उन्होनें ‘आमरण अनशन ‘ की शुरुआत की है। इस अनशन को राज्य के हिन्दू युवाओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है । उन्होंने चेतावनी दी है कि प्रशासन ३ दिन के अंदर रायगढ स्थित ‘रिसॉर्ट’ हटा ले, नहीं तो हम हटा देंगे ।
प्रशासकीय अधिकारियों ने स्वीकारी भूमिका, १७ तालुकों के शिवभक्तों ने जताया समर्थन!
दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए ह.भ.प. आकाश महाराज भोंडवे ने कहा, “मेरे अनशन पर बैठने के बाद से अब तक ३ बार प्रांतीय अधिकारी, तहसीलदार सांगले, पुलिस अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के आधुनिक डॉक्टर मुझसे आकर मिल चुके हैं । वे भी मेरे आंदोलन की दिशा को स्वीकार कर चुके हैं । अब तक मुझे १७ तालुकाओं के हिन्दूओं और शिव भक्तों ने समर्थन दिया है, साथ ही सोलापुर जिले के टेम्बुर्नी और बार्शी के शिव प्रेमियों ने उपवास स्थल पर भेंट देकर समर्थन दिया है। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, मैं अनशन नहीं तोड़ूंगा।”
ह.भ.प. आकाश महाराज भोंडवे की मांगें
किले की सीढ़ियों और तलहटी पर फिल्टर लगाकर पीने का पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। किले पर महिलाओं के लिए एक स्वच्छता गृह एवं ‘चेंजिंग रूम’ का निर्माण कराया जाए। महाड से रायगढ तक हर एक घंटे में शटल एसटी बस चालू करें। रोपवे (रस्सी के सहारे आगे बढने वाली स्वचालित ट्रॉली) का टिकट स्थाई रूप से घटाकर १०० रुपये प्रति चक्कर किया जाए। शिव प्रेमियों से लिया जाने वाला २५ रुपये प्रवेश शुल्क स्थायी रूप से बंद किया जाए। पाचाड स्थित जिला परिषद की धर्मशाला को मावलों को स्थाई आश्रय हेतु उपलब्ध करवाया जाए। रायगढ़ में रहने के लिए रोपवे प्रतिष्ठान से ९०० रुपए लेकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जाता है, उसे स्थगित किया जाए और शिवप्रेमी को वहां रहने की अनुमति दी जाए या पूरी तरह से रहने पर प्रतिबंधित कर दिया जाए। तीर्थयात्रा योजना में रायगढ़ सरकार को ‘ए’ ग्रेड देकर रायगढ का विकास करना चाहिए। गड महामंडल की स्थापना की जाए। रायगढ में ३६५ दिनों में २४ घंटे नगरखाने के सामने भगवा झंडा लहराया जाए । किले पर होने वाला कार्य उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए। जागीरों का सौन्दर्यीकरण एवं संरक्षण किया जाए। उगी घास को हटाने जैसी विभिन्न मांगों को लेकर यह आंदोलन जारी है ।