सीधे ईश्वर से चैतन्य और मार्गदर्शन ग्रहण करने की क्षमता होने से, आगामी ईश्वरीय राज्य का संचालन करनेवाले सनातन संस्था के दैवी बालक !

कु. प्रार्थना पाठक ने इतनी छोटी आयु में ही अब तक अनेक ग्रंथ पढ लिए हैं । आयु में कहीं अधिक बडे कितने साधक ऐसा वाचन करते होंगे ? इस वाचन के कारण, अध्ययन के कारण इतनी छोटी आयु में ही प्रार्थना ने ६७ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त किया है । आगे वह शीघ्र ही संत बनेगी ।

मथुरा के संत श्री गोविंदाचार्यजी से सनातन संस्था के साधकों ने भेंट ली !

सनातन पंचांग देखकर संत श्री गोविंदाचार्यजी ने कहा, ‘‘यह पंचांग बहुत ही अच्छा है । इसमें बहुत सारी अच्छी जानकारी दी गई है ।’’ उन्होंने सनातन संस्था के साधकों को रमणरेती आश्रम में भी आने का निमंत्रण दिया ।

सनातन के ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ को कोलकाता के पू. संत स्वामी श्री कल्याणेश्वरजी महाराज के आशीर्वाद

स्वामीजी को सनातन के ग्रंथ भेंट किए गए । उन्होंने उनमें से कुछ ग्रंथ उत्सुकता से पढे और वे कहने लगे, ‘‘मैं बहुत रुचि से सनातन के ग्रंथ और पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ पढता हूं ।’’ इससे पूर्व भी विविध कार्याें के लिए स्वामीजी के आशीर्वाद मिले हैं ।

वर्षगांठ के निमित्त परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का संदेश

‘सनातन प्रभात’ की ज्ञानशक्ति का परिपूर्ण लाभ लें और हिन्दू राष्ट्र के कार्य का एक अंग बनने के साथ इस जन्म का सार्थक करने के लिए उत्तम साधक बनने की प्रक्रिया आरंभ करें !’

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना वर्ष २०२५ तक होगी ! – परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी

आपातकाल भले ही आगे गया हो, तब भी उसका आरंभ कभी भी हो सकता है। कोरोना जैसी महामारी के माध्यम से हमने इसका अनुभव लिया ही है। तीसरे विश्वयुद्ध का आरंभ कभी भी हो सकता है। इसलिए साधक आपातकाल की तैयारी जारी रखें !’ – परात्पर गुरु डॉ. आठवले

अवैध कृत्य करने के कारण इटली में ‘अमेजन’ पर ९ सहस्र ८४३ करोड ७३ लाख रुपए का जुर्माना !

भारत में भी ‘अमेजन’ पर कई आरोप लगे हैं ! सरकार को उनकी जांच कर उन पर इस प्रकार के आर्थिक दंड लगाने का साहस दिखाना चाहिए, ऐसा ही जनता को लगता है !

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में ‘सनातन प्रभात’ की सक्रिय सहभागिता, उसे प्राप्त सफलता और पाठकों को होनेवाला आध्यात्मिक लाभ !

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में ‘सनातन प्रभात’ की सक्रिय सहभागिता’, यह विषय मैं एक पाठक, एक साधक, एक हिन्दू धर्मप्रेमी और एक राष्ट्रप्रेमी की दृष्टि से प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूं

दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के रूप में मानो पांचवां वेद निर्माण कर समाज पर बहुत बडा उपकार करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी ! – श्री. चंद्रकांत (भाई) पंडित, अध्यक्ष, गोमंतक मंदिर महासंघ, गोवा.

परात्पर गुरु डॉक्टरजी स्वयं की देह की चिंता किए बिना ‘हम समस्त हिन्दुओं की रक्षा हो और हमारा देश अखंड एवं बलशाली बने’, इसके लिए प्रयासरत हैं । ‘केवल हमारे देश में ही नहीं, अपितु समस्त विश्व में ही हिन्दू राष्ट्र आए अर्थात रामराज्य आए’, इसके लिए वे प्रयास करते हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा आरंभ किए गए ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक अपने लक्ष्य के अनुसार हिन्दू राष्ट्र की दिशा में अग्रसर होने की साधक को हुई प्रतीति !

केवल व्यावसायिकता, शीर्ष तक पहुंचने की स्पर्धा, आर्थिक घोटाले, एक-दूसरे पर हावी होनेवाली सामाजिक संस्थाएं और नियतकालिक आदि किस प्रकार के कार्यकर्ता तैयार करते हैं, इस पर उन्हें विचार करना चाहिए । सृजनात्मक लक्ष्य लेकर कार्यरत ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों में सेवा करने से आज हम व्यवसाय करते समय भी सामाजिक भान रखकर आचरण कर पा रहे हैं ।

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