शारदीय नवरात्रि : नवरात्रि में देवीपूजन कैसे करें ?

नवरात्रोत्‍सव मनाने का अर्थ है अखंड प्रज्‍वलित नंदादीप के माध्‍यम से नौ दिन आदिशक्‍ति की पूजा करना । नवरात्रि में वायुमंडल देवी की शक्‍तिरूपी तेजतरंगों से पूरित रहता है । दीप तेज का प्रतीक है । अत: दीप की ज्‍योति की ओर ये तेजतरंगें आकर्षित होती हैं ।

घर बैठे विविध प्राचीन मंदिरों का दर्शन दिलानेवाला स्तंभ : श्री त्रिपुरसुंदरी देवी दर्शन

त्रिपुरा राज्‍य के अगरतला से २ घंटे की दूरी पर स्‍थित उदयपुर गांव में श्री त्रिपुरसुंदरी देवी का शक्‍तिपीठ है । त्रिपुरसुंदरी देवी का मंदिर कछुए के आकार के टीले पर होने से इस स्‍थान को ‘कूर्मपीठ’ भी कहते हैं । इस मंदिर में २ देवियों की मूर्तियां हैं ।

कोरोना महामारी के कारण उत्‍पन्‍न आपातकालीन स्‍थिति में दशहरा कैसे मनाना चाहिए ?

कर्मकांड की साधना के अनुसार आपातकाल के कारण किसी वर्ष कुलाचार के अनुसार कोई व्रत, उत्‍सव अथवा धार्मिक कृत्‍य पूरा करना संभव नहीं हुआ अथवा उस कर्म में कोई अभाव रहा, तो अगले वर्ष अथवा आनेवाले काल में जब संभव हो, तब यह व्रत, उत्‍सव अथवा धार्मिक कृत्‍य अधिक उत्‍साह के साथ करें ।

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा बांग्ला भाषा में ‘ऑनलाइन’ प्रवचन

कोलकाता (बंगाल) – यहां की बांग्‍ला भाषी महिलाआें के लिए ‘आनंदमय तथा तनाव मुक्‍त जीवन हेतु साधना’ विषय पर ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन किया गया । उपस्‍थित महिलाआें ने प्रति सप्‍ताह इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की ।

जमशेदपुर (झारखंड) के महर्लोक से पृथ्वी पर जन्मे कु. बी. चैतन्य (आयु ६ वर्ष) का ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर घोषित !

जमशेदपुर (झारखंड) – यहां संपन्‍न एक ऑनलाइन सत्‍संग में हिन्‍दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी ने कु. चैतन्‍य की विविध गुणविशेषताएं बताते हुए उसके महर्लोक से पृथ्‍वी पर जन्‍म लेने और उसका आध्‍यात्मिक स्‍तर ६१ प्रतिशत होने की घोषणा की ।

जमशेदपुर (झारखंड) की कु. मधुलिका शर्मा (आयु २७ वर्ष) ६१ प्रतिशत आध्‍यात्मिक स्‍तर प्राप्‍त कर जन्‍म-मृत्‍यु के चक्र से मुक्‍त !

पू. नीलेश सिंगबाळजी ने कु. मधुलिका में भाव, चूकों के प्रति खेद लगना, शरणागती, अंतर्मुखता, प्रामाणिकता, गुरुआज्ञा के प्रति लगन आदि गुण बताकर उन्‍होंने घोषित किया कि कु. मधुलिका ने ६१ प्रतिशत आध्‍यात्मिक स्‍तर प्राप्‍त किया ।

कर्करोग जैसी असाध्‍य बिमारी होते हुए भी दृढ श्रद्धा के साथ भावपूर्ण पद्धति से साधना का प्रयास करनेवाली उत्तर प्रदेश की श्रीमती माधुरी चौहान (आयु ६० वर्ष) ने प्राप्‍त किया ६१ प्रतिशत आध्‍यात्मिक स्‍तर

सत्‍संग में सद़्‍गुरु पिंगळेजी ने श्रीमती माधुरी चौहान द्वारा ६१ प्रतिशत आध्‍यात्मिक स्‍तर प्राप्‍त कर उनके जन्‍म-मृत्‍यु के चक्र से मुक्‍त होने की घोषणा की ।

श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी का परिचय

श्रीसत्‌शक्‍ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी पूर्णकालिक साधना करने से पूर्व एक अधिकोष में ‘मैनेजर’ के पद पर कार्यरत थीं । उनके पति पू. नीलेश सिंगबाळजी सनातन संस्‍था के ७२ वें संत हैं ।

पितृपक्ष (महालय पक्ष) (आरंभ : २ सितंबर)

पितृपक्ष में दत्तात्रेय देवता का नाम जपने का महत्त्व : पितृपक्ष में ‘श्री गुरुदेव दत्त’ नामजप अधिकाधिक करने से पितरों को गति प्राप्‍त होने में सहायता मिलती है । 

गणेश चतुर्थी निमित्त विशेष बालसंस्‍कार सत्‍संग का ऑनलाइन आयोजन

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – यहां पर सनातन संस्‍था वाराणसी की ओर से गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर ९ से १३ वर्ष की आयुवर्ग के बच्‍चों के लिए भगवान गणेश से संबंधित धर्मशास्‍त्र पर आधारित ऑनलाइन बालसंस्‍कार सत्‍संग का आयोजन किया गया ।