Artificial Intelligence : लोगों को मारने का फैसला ‘ए.आय.’ खुद ले सकता है!

‘कृत्रिम बुद्धीमत्ता’ (ए.आय.) के जनक डॉ. जेफ्री हिंटन द्वारा व्यक्त किया गया डर।

नई देहली – कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स) ये तकनीक से मानव विलुप्त होने का खतरा हो सकता है; क्योंकि हमने बुद्धि को जैविक बुद्धि से बेहतर सिद्ध कर लिया है। ये आपके लिए बहुत चिंता की बात है। साथ ही, डॉ. जेफ्री हिंटन जो इस तकनीक के जनक हैं, को डर है कि लोगों को मारने का निर्णय ए.आय. द्वारा लिया जा सकता है। पिछले साल डॉ. हिंटन ने गुगल प्रतिष्ठान से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा, “मेरा अनुमान है कि अब से ५ से २०  वर्षों में ए.आय.पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास किया जाएगा।”

डॉ. जेफ्री हिंटन

हिंटन ने कहा कि ए.आय. के कारण कई लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है। ए.आय.लोगों की आय में असमानता भी पैदा कर सकता है। इसलिए सरकार को इससे जुड़े कदम उठाने चाहिए।

ए.आय.से बढ़ेगी अमीरों की संपत्ति !

हिंटन ने कहा कि ए.आय. निश्चित रूप से कार्यक्षमता और धन बढ़ाने में मदद करेगा; लेकिन पैसा अमीरों के पास जाएगा और जिनकी नौकरी चली गई है उन्हें परेशानी होगी। इससे समाज को बड़ा नुकसान हो सकता है। सरकार को सार्वभौमिक मूल वेतन के लिए कुछ मानदंड निर्धारित करने चाहिए जिससे कर्मचारियों को उनके अधिकार का पैसा मिल सके।